इंडिया साइंटिफिक कमेटी के वैज्ञानिक डॉ. विनोद पाल के मुताबिक 'कोवीशील्ड' व 'कोवैक्सीन' दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं। ये दोनों 'इम्यूनोजैनिक' अर्थात शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले हैं,साथ ही संक्रमण को रोकने वाले हैं। जिन्हें को- मोरबिडिटी (अन्य बीमारियां) हैं उनके लिए भी वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित है। यह शरीर में रोग से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज पैदा करता है।
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देश में वैक्सीनेशन के प्रथम चरण में लगभग 3 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें पहले सभी स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी, रक्षा कर्मी, सफाई कर्मी तथा इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों तथा 50 वर्ष से कम आयु के उन व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा, जिन्हें 'को-मॉरबिडिटी' है ( ऐसे लोग जो डाइबिटीज, ब्लडप्रेशर, सांस की बीमारी आदि से ग्रसित हैं)।
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5 दिन में 4 लाख हेल्थ वर्कर्स के टीकाकरण का लक्ष्य- मध्यप्रदेश में पहले चरण में प्रदेश में 16 जनवरी को 150 सेंटरों पर कोरोना टीकाकरण प्रारंभ होगा। प्रथम चरण में कोरोना वारियर्स एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए जाएंगे, जिनकी संख्या लगभग 4 लाख 16 हजार है। प्रदेश में 5 दिनों में सभी हेल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। एक सेंटर पर लगभग 100 लोगो को वैक्सीन लगाई जायेगी। तय कार्यक्रम के मुताबिक 16,18,20 और 23 जनवरी को वैक्सीन के फर्स्ट फेज का टीकाकरण किया जाएगा। COVID-19 टीकाकरण के लिये CO-WIN पोर्टल पर 28 हजार 365 वैक्सीनेटर पंजीकृत किये गये हैं।