वॉशिंगटन। सर्जिकल मास्क और एन 95 मास्क की बेहद कमी होने के बाद कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग खुद ही कपड़े के मास्क तैयार कर रहे हैं। ऐसे में एक अध्ययन में कहा गया है कि सूती कपड़ा और प्राकृतिक सिल्क को मिलाकर या सूती कपड़े के साथ शिफॉन के कपड़े को मिलाकर बनाया गया मास्क हवा में मौजूद ठोस कणों अथवा तरल कणों को व्यक्ति के संपर्क में नहीं आने देता, लेकिन मास्क का आकार सही होना जरूरी है।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार ‘सार्स-कोव-2’, नया कोरोना वायरस जिसके कारण कोविड-19 होता है, वह मुख्य तौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, बात करने अथवा सांस लेने के दौरान उसके मुंह अथवा नाक से निकले तरल कणों के कारण फैलता है।