मानवता के ऊपर सबसे बड़े संकट के रुप में मंडरा रहे कोरोना महामारी को हराने के लिए सरकारी डॉक्टर अचानक से एक योद्धा के रुप में समाने आए है। देश की बदहाल हेल्थ सिस्टम में काम करने वाले सरकारी डॉक्टर और वहां का स्टॉफ आज संकट से इस सबसे बड़े दौर में हमारे सामने एक हीरो के रुप में सामने आए है। पिछले लंबे समय से अक्सर आलोचना के केंद्र में रहने वाले सरकारी डॉक्टर जिनको आमतौर पर एक विलेन के रूप में देखा जाता था वह आज एक ऐसे योद्धा की तरह लड़ रहे है जिससे उनकी जान भी खतरे में पड़ सकती है।
देश में लगातार कोरोना के मामले सामने आने के बाद सरकारी डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात लोगों के इलाज के इलाज में जुटे है। हालात यह है कि संक्रमण के डर से डॉक्टर अपने घर, अपने परिवार और अपने बच्चों के पास नहीं जा पा रहे है। ऐसी ही एक भावुक कर देने वाली तस्वीर समाने आई है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से जहां शहर को कोरोना से बचाने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ लड़ रहे सीएमएचओ डॉक्टर सुधीर डेहरिया एक हफ्ते के बाद अपने बच्चों से मिलने के लिए पहुंचे।
कोरोना के संक्रमण के डर से डॉक्टर डेहरिया घर की चौखट के बाहर बैठे रहे और वहीं से बच्चों और पत्नी से संवाद करते रहे। वह कहते हैं कि बच्चे लगातार फोन करके घर आने और मिलने की जिद कह रहे थे इसलिए मैं घर चला गया। वह कहते हैं कि बच्चे उनसे गले मिलना चाहते थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया। डॉक्टर डेहरिया कहते हैं कि वह हमेशा इंफेक्शन के एक्सपोजर में रहते हैं इसलिए घर नहीं जाते जिससे किसी और को संक्रमण न हो सके।
वहीं दूसरी ओर इंदौर से लेकर दिल्ली तक कोरोना पीड़ित लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के संक्रमण के चपेट में आने की खबर लगातार समाने आ रही है। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों की 14 सदस्यीय टीम के भी कोरोना के संक्रमण में आने की खबरें भी समाने आ रही है। इन सभी में कोरोना के लक्षण आने के बाद प्रशासन ने उनको आइसोलेशन में रखा है।