कोच्चि। भारत ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए बड़ा अभियान शुरू किया है। नौसेना के अपने 3 पोतों को रवाना कर दिया है। गुरुवार को यूएई के लिए 2 विशेष विमानों का परिचालन किया जाएगा।
रक्षा प्रवक्ता कहा कि मुंबई तट पर तैनात आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर को सोमवार रात मालदीव के लिए रवाना किया गया है। आईएनएस शार्दुल को प्रवासियों को निकालने के लिये दुबई भेजा गया है। तीनों पोत लौटकर कोच्चि आएंगे।
आईएनएस मगर और आईएनएस शार्दुल नौसेना की दक्षिणी कमान के पोत हैं जबकि आईएनएस जलाश्व नौसेना की पूर्वी कमान का पोत है।
दुबई में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने एक बयान में बताया गया कि अबु धाबी से कोच्चि और दुबई से कोझिकोड तक की इन दो उड़ानों के लिए यात्रियों की सूची पर अंतिम निर्णय दुबई में भारतीय दूतावास और भारतीय महावाणिज्य दूतावास लेंगे।
बयान में कहा गया कि यह सूची दूतावास या महावाणिज्य दूतवास के डेटाबेस में मौजूद पंजीकरणों के आधार पर बनाई जाएगी। इस आशय के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया कुछ दिनों पहले शुरू की गई थी।
बयान के मुताबिक, प्राथमिकता संकट में फंसे श्रमिकों, बुजुर्गों, आवश्यक चिकित्सा मामलों, गर्भवती महिलाओं के साथ ही कठिन परिस्थिति में फंसे अन्य लोगों को दी जाएगी।
इसमें कहा गया, ‘विमान यात्रा के लिए टिकट की कीमत और भारत पहुंचने के बाद पृथक-वास केंद्र में रखने की जरूरत और स्वास्थ्य संबंधी जांच समेत अन्य शर्तों की जानकारी कुछ समय में दी जाएगी और प्रत्येक यात्री को इसे स्वीकार करना होगा।‘
बयान में कहा गया कि हवाई टिकट केवल उन्हीं लोगों के लिए जारी किए जाएंगे जिनके नाम दूतावास या महावाणिज्य दूतावास द्वारा बनाई गई यात्री सूची में होंगे। इसमें कहा गया कि दूतावास आने वाले दिनों में भारत जाने वाली अन्य उड़ानों के ब्योरे भी उपलब्ध कराएगा और उन विमानों में भी यात्री सूची के नामों पर अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया यही रहेगी।
बयान में कहा गया कि वापस जाने के लिए करीब 2,00,000 पंजीकरण कराए गए हैं इसलिए सभी लोगों को इन विमानों में जगह दे पाने में समय लगेगा। (भाषा)