विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय ने कहा कि यह मास्क कार्बन डाइऑक्साइड के सांस में चले जाने संबंधी समस्या, मास्क के भीतर पसीने और गर्मी में सांस लेने की समस्या के समाधान करने के लिए नवोन्मेषी कदम है। इससे लोग मास्क लगाकर आरामदायक तरीके से बात कर सकते हैं और उनकी आवाज भी स्पष्ट आएगी लेकिन इससे वायरस के खिलाफ कम ही बचाव होता है।