नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को भय के चक्र को सामूहिक रूप से तोड़ने पर बल दिया और कहा कि महामारी की थकान की वजह से कोरोनावायरस के खिलाफ तैयारियों में देश के प्रयासों को कमतर नहीं होने देना चाहिए। मांडविया जी20 स्वास्थ्य कार्य समूह की दूसरी बैठक के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत की योजना इटली और इंडोनेशिया की अध्यक्षता के दौरान बनाई गई गति को कायम रखने और स्वास्थ्य आपात स्थिति की तैयारियों, रोकथाम और प्रतिक्रिया के लिए अब तक किए गए प्रयासों को मजबूत करने की है।
दुनियाभर की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव का जिक्र करते हुए मांडविया ने कहा कि हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम भय और उपेक्षा के चक्र को सामूहिक रूप से तोड़ें एवं महामारी की थकान को इससे निपटने की तैयारी, रोकथाम और प्रतिक्रिया के संबंध में हमारे प्रयासों को कम नहीं करने दें।
मांडविया ने चिकित्सा उपायों के लिए औपचारिक वैश्विक समन्वय तंत्र की आवश्यकता को रेखांकित करते कहा कि भारत ने स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने, दुनियाभर में डिजिटल खाई को पाटने और डिजिटल सार्वजनिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य और नवाचार के एजेंडे का प्रस्ताव दिया है।
उन्होंने कहा कि जी20 स्वास्थ्य कार्यसमूह के रूप में हम भविष्य की वैश्विक स्वास्थ्य संरचना के लिए सकारात्मक प्रभाव पैदा करने की दिशा में संयुक्त रूप से सही दिशा में बढ़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने भी कहा कि जी20 की भारतीय अध्यक्षता का आधार 'वसुधैव कुटुम्बकम्' (विश्व एक परिवार है) के प्राचीन भारतीय दर्शन में निहित है। उन्होंने लचीली स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की स्थापना पर जोर दिया, जो किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच सुनिश्चित करती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 'एक स्वास्थ्य' के दृष्टिकोण के जरिए एकीकृत वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे की आवश्यकता और रोगाणुरोधी प्रतिरोध की चुनौती का मुकाबला करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी पक्षों से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने के लिए अपनी चर्चा जारी रखने का आग्रह किया।(भाषा)