दुनियाभर में मौत का तांडव मचाने वाले कोरोना वायरस की असली जड़ चीन है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चीन को खुलेआम धमकी के बाद जर्मनी ने कोरोना वायरस से हुए भारी नुकसान का हर्जाना भरने के लिए 149 बिलियन यूरो (130 बिलियन पाउंड) का बिल भेज दिया है। जर्मनी के सबसे बड़े टैब्लॉइड अखबार 'बिल्ड' ने इस बिल को भेजे जाने के बारे में खुलासा किया है।
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में 1 लाख 65 हजार मौतों में से अकेले यूरोप में 1 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है। यही कारण है कि यूरोपीय देश सबसे ज्यादा चीन से खफा है और उसे चीन की साजिश बता रहे हैं।
जर्मनी में कोरोना वायरस के कारण साढ़े चार हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और यहां अब कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा डेढ़ लाख से ज्यादा को पार कर गया है।
कोरोना का कहर अमेरिका, इटली, स्पेन और फ्रांस के बाद जर्मनी पर बरपा है और यही कारण है कि गुस्साए जर्मनी ने नुकसान की भरपाई के लिए चीन को 149 बिलियन यूरो का बिल भेजा है।
जर्मन सरकार ने कहा कि यूरोप में 1 लाख लोगों को मारने वाली इस महामारी को रोका जा सकता था, बशर्ते चीन ने सही समय पर जानकारी का खुलासा होता। बिल्ड अखबार ने गणना की है कि कोरोना वायरस के कारण जर्मनी के सकल घरेलू उत्पाद में 4.2 प्रतिशत की गिरावट आने पर इसका भार प्रति व्यक्ति पर पड़ा है और यह राशि प्रति व्यक्ति के मान से 1,784 यूरो (1,550 पाउंड) है।
जर्मनी ने बाकायदा इस बिल में नुकसान का ब्योरा भी दिया है। जर्मनी का कहना है कि 4500 लोगों की जान तो चली गई है, इसके अलावा उसे पर्यटन राजस्व के लिए 27 बिलियन यूरो, फिल्म इंडस्ट्री के लिए 7.2 बिलियन यूरो और जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा और छोटे उद्योगों को हुए नुकसान के लिए 50 बिलियन यूरो का बिल भेजा है।
जर्मनी के बिल भेजने के बाद अमेरिका भी हरकत में आ गया है, वह एक जांच टीम चीन भेजने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही व्हाइट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन के प्रति अपने गुस्से का इजहार कर चुके हैं।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस बात की जांच कर रहा है कि क्या यह जानलेवा वायरस चीन की लैब से पैदा किया गया है? इसके लिये हम चीन जाना चाहते हैं और समझना चाहते हैं कि आखिर हुआ क्या है, जिसकी वजह से इतनी जानें गई हैं।
इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि अगर चीन कोरोना वायरस फैलाने का जिम्मेदार पाया गया तो उसे याद रखना चाहिए इसके नतीजे उसे भुगतने पड़ेंगे। वैसे चीन की तरफ से बार-बार सफाई दी जा चुकी है। यहां तक कि वुहान की जिस लैब को लेकर आरोप लग रहे हैं, उसके इंचार्ज भी ये कह चुके हैं कि इस वायरस को बनाया नहीं जा सकता है।
इसी बीच अमेरिकी नागरिकों के एक समूह ने कोविड-19 क्षति के मुआवजे की तलाश के लिए फ्लोरिडा राज्य में मुकदमा शुरू करने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया है।