गुजरात में कोरोनावायरस संक्रमण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है कि शादी, सामाजिक और धार्मिक समेत सार्वजनिक कार्यक्रमों में अब 400 की जगह सिर्फ 150 लोग ही शामिल हो सकते हैं।
टीकाकरण और सावधानियों के कारण कोरोना के मामलों में गिरावट जारी रही, लेकिन फिर से राजनीतिक सभाएं, बाजारों में निडर लोग, धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं की भीड़ ने कोरोना की तीसरी लहर को न्योता दिया, जिससे सिर्फ 12 दिनों में ही गुजरात में कोरोना के 50 हजार से ज्यादा मरीज आ चुके हैं। तीसरी लहर की गति पहली लहर और दूसरी लहर की तुलना में 7 गुना तेज है।
लापरवाही से आई तीसरी लहर : 28 जून, 2021 से गुजरात में कोरोना के मामलों की संख्या घटने लगी। 28 जून को 96 मामले सामने आने के बाद एक समय पूरे गुजरात से 10 से 12 कोरोना मरीज ही दर्ज हुए थे, लेकिन मास्क न पहनने, सामाजिक दूरी का पालन न करने और सार्वजनिक स्थानों पर लापरवाही के मामले दिसंबर से लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
26 दिसंबर को 177 मामले सामने आए और उसके बाद से रॉकेट की गति से कोरोना के मामले बढ़ने लगे और 12 जनवरी को 9941 कोविड पॉजिटिव मरीजों की संख्या ने गुजरात को फिर से झकझोर कर रख दिया।
सिर्फ 18 दिनों में इस जानलेवा वायरस ने 56,536 मरीजों को संक्रमित किया है। दैनिक औसत को देखें तो इन 18 दिनों में हर दिन औसतन 3140 मामले सामने आए हैं जबकि इसी अवधि में 24 मौतें हुई हैं। 18 दिनों में सामने आए 56536 मामलों की तुलना में राज्य में हर 2355 मामलों में एक मरीज की मौत हुई।
अहमदाबाद हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन (AHNA) ने होम केयर और टेली-परामर्श सेवाएं शुरू की हैं। अहना के अध्यक्ष डॉ. भरत गढ़वी ने कहा कि 'इस बार कोविड के मरीज को अस्पताल में भर्ती होने से ज्यादा घरेलू देखभाल की जरूरत है। होम केयर और टेलीकंसल्टेशन सेवाओं को श्रेणियों में बांटा गया है ताकि लोग घरेलू देखभाल की गुणवत्ता को समझ सकें और उसमें सुधार कर सकें।
टेस्ट में बढ़ोतरी नहीं फिर भी बढ़े एक्टिव केस : हालांकि 4 जनवरी से 12 जनवरी तक टेस्ट में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन एक्टिव केसों की संख्या 7881 से बढ़कर 43726 हो गई है। इन 9 दिनों में अधिकतम 91,167 परीक्षण और न्यूनतम 67,964 परीक्षण हुए। राज्य में एक सप्ताह में 15 से 18 वर्ष के 54.3 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण 3 जनवरी से शुरू किया गया था। अब तक 54.3 फीसदी यानी 19.30 लाख बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है, जिससे 16.27 लाख बच्चे बचे हैं जबकि प्रीकॉशन डोज के पात्र 15.1 प्रतिशत या 1.58 लाख लोगों को एक ही दिन में प्रीकॉशन डोज दी गई है।
दूसरी दूसरी लहर में घबराया गुजरात : 22 फरवरी 2021 से गुजरात में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो रही थी। 22 फरवरी को गुजरात में 315 मामले सामने आए, मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी, कोरोना के प्रति की लापरवाही गुजरात के लिए भारी पड़ने लगी थी।
22 फरवरी से 4 अप्रैल तक महज 42 दिनों में गुजरात में 51334 कोरोना मरीज दर्ज किए गए। 42 दिन में रोजाना औसतन 1222 मामले सामने आए जबकि इसी अवधि में 161 मौतें हुईं। यानी 22 फरवरी से 4 अप्रैल तक सामने आए मामलों की तुलना में हर 318 मामलों में एक मौत हुई।
लॉकडाउन के कारण पहली लहर में 123 दिनों में आए 50 हजार मामले
गुजरात में 19 मार्च, 2020 को कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आया था और 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। लॉकडाउन ने कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद की। 15 अप्रैल से कोरोना को हल्के में लेना भारी पड़ गया।
15 अप्रैल से कोरोना के मामले बढ़ने लगे थे। 19 मार्च को कोरोना का पहला केस गुजरात में आया था। इसके बाद 123 दिनों में यानी 21 जुलाई तक 50465 कोरोना मरीज सामने आए। 123 दिनों में रोजाना औसतन 410 मामले सामने आए। इस दौरान गुजरात में 2201 मरीजों की मौत हुई यानी 19 मार्च से 21 जुलाई के बीच हर 22 मामलों में 1 मौत हुई।