देहरादून। उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में कोरोना की रफ्तार के थमने के दावों के बीच अब ब्लैक फंगस के मामले तेजी से सामने आने से लोग सहमे हैं। प्रदेश में बड़ी संख्या में ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार उत्तराखंड में अब तक म्यूकोमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के 237 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य में अब तक ब्लैक फंगस से 20 लोगों की मौत हो चुकी है।
देहरादून जिले में ब्लैक फंगस के 216 मामले सामने आए हैं। इसमें 16 लोगों की ब्लैक फंगस से मौत हुई है, जबकि 13 लोग स्वस्थ हुए हैं। उधम सिंह नगर में भी ब्लैक फंगस से अब तक एक की मौत हुई है । नैनीताल में ब्लैक फंगस के अब तक 19 मामले सामने आए हैं।
यहां भी ब्लैक फंगस से 3 मरीजों की मौत हो चुकी है। ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किए जाने के बाद अब सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को इस बीमारी के मरीजों के बारे में सीएमओ कार्यालय को जानकारी देनी अनिवार्य की गई है, जिससे ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हो सके।
पिछले 1 हफ्ते में सबसे अधिक संक्रमण दर पौड़ी जिले में रही। यहां 1 हफ्ते में 8,910 सैंपलों की जांच हुई जिसमें 939 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई। जिले में संक्रमण की दर 10.54 प्रतिशत रही है। दूसरा नंबर अल्मोड़ा जिले का है। यहां 8,968 सैंपलों की जांच हुई जिसमें 926 मरीज पॉजिटिव पाए गए। अल्मोड़ा में संक्रमण दर 10.33 प्रतिशत रही है। पिथौरागढ़ में 11,021 सैंपलों की जांच हुई और संक्रमण का प्रतिशत 10.26 रहा। चमोली में 11,013 सैंपलों की जांच में 1,122 लोग पॉजिटिव मिले यानी जिले में संक्रमण की दर 10.19 प्रतिशत रही।
देहरादून में महज 205 केस, संक्रमण दर 3 फीसदी से नीचे रही।
देहरादून में कोरोना के मामलों में लगातार राहत मिल रही है। सोमवार को संक्रमण दर 2.76 पर पहुंच गई। जिले में 205 केस संक्रमित मिले जबकि जिले में 21 लोगों की मौत हुई है। जिले में कुल 7,405 लोगों की जांच हुई है। जिले में अब तक कुल 1,08,483 लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। इनमें से 1,01,484 लोगों ने कोरोना को हराया है। अभी 3,251 लोगों का इलाज चल रहा है। 3,169 लोगों की मौत हुई है।
नहीं खुले हेमकुंड साहिब के कपाट : उत्तराखंड में मौसम के बदलते मिजाज ने सिखों के प्रमुख हिमालयी तीर्थ हेमकुंड साहिब को बर्फ की एक मोटी चादर ओढ़ डाली है। हेमकुंड साहिब के कपाट इस साल 10 मई को खोले जाने की घोषणा हुई थी, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के बढते खतरे के मद्देनजर इनको खोलने की तिथि को वापस ले लिया गया। अब कब ये कपाट खुलेंगे, इसको लेकर कोई अगली तिथि घोषित नहीं हो सकी है।