नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भारत की सीआरआईएसपीआर 'फेलूदा' कोविड-19 जांच आरटी-पीसीआर की तुलना में सस्ती, त्वरित तथा आसान है। 'फेलूदा' का नाम सत्यजीत रे के मशहूर जासूस पात्र के नाम पर रखा गया है। इस परीक्षण की कीमत 500 रुपए है और मात्र 45 मिनट में इसके परिणाम आ सकते हैं।
सीआरआईएसपीआर (क्लस्टर्ड रेगुलरली इन्टरस्पेस्ड शॉर्ट पालिंड्रोमिक रिपीट्स) 'फेलूदा' जांच को नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर-जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) तथा टाटा समूह ने विकसित किया है। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने इसकी व्यावसायिक शुरुआत को मंजूरी दे दी है।
सीएसआईआर-आईजीआईबी के वरिष्ठ वैज्ञानिक और परीक्षण विकसित करने वाली टीम में शामिल देबोज्योति चक्रवर्ती ने बताया कि यह गर्भावस्था परीक्षण की तरह ही है और इसके लिए किसी महंगी मशीन की जरूरत नहीं है। भारत में अभी कोविड-19 के 61 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
विषाणु विज्ञान विशेषज्ञ उपासना रे ने कहा कि यह कोविड जांच आरटीपीसीआर की तुलना में सस्ती है। आरटीपीसीआर में 16,00 रुपए से अधिक का खर्च आता है। रे ने कहा कि 'रैपिड एंटीजन' जांच की रिपोर्ट 30 मिनट में आ जाती है और 'फेलूदा' जांच में थोड़ा अधिक यानी 45 मिनट का समय लगता है लेकिन यह अधिक सटीक और विशिष्ट है। (भाषा)