देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के दौरान मार्च से मई के बीच अस्पतालों और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर काफी दबाव बना हुआ था। आईएनएसएसीओजी ने ध्यान दिलाया किया कि जून 2021 से एवाई.1 में मामूली वृद्धि हुई है और इसकी निगरानी की जा रही है। समूह ने कहा कि एवाई.4 भारत के साथ ही विश्व स्तर पर हाल के अनुक्रमण में सबसे अधिक बार मिलने वाला डेल्टा उप-स्वरूप है।
पिछले सप्ताह समूह ने कहा था कि अभी तक सार्स-सीओवी2 के दो नए स्वरूप एमयू और सी.1.2 नहीं दिखे हैं तथा डेल्टा मुख्य स्वरूप बना हुआ है। भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) विभिन्न राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पिछले साल गठित किया था। आईएनएसएसीओजी तब से कोरोनावायरस के जीनोम अनुक्रमण और वायरस का विश्लेषण कर रहा है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स एंड चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल एसोसिएशन से लिए गए आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकी बच्चों में साप्ताहिक संक्रमण की दर इस महीने की शुरूआत में ढाई लाख पहुंच गई। महामारी की शुरूआत होने के बाद से अमेरिका में 50 लाख से अधिक बच्चे संक्रमित हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कम से कम 180 देशों में डेल्टा स्वरूप की पहचान की गई है।(भाषा)