बीजिंग/वुहान। चीन ने कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से कमी आने के बाद फरवरी में बनाए अपने सबसे बड़े अस्थायी अस्पतालों में से एक को बुधवार को बंद कर दिया। यह अस्पताल कोविड-19 के केंद्र वुहान में संक्रमण के मरीजों के उपचार के लिए 10 दिन के भीतर बनाया गया था।
एक आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि देशभर से मध्य हुबेई प्रांत में तैनात किए गए हजारों चिकित्सा कर्मी भी मिशन पूरा होने के बाद वुहान छोड़कर जा चुके हैं। सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' ने बताया कि मध्य चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में अस्थायी लीशेनशान (वज्र देव पर्वत) अस्पताल ने कोविड-19 के मामले थमने के बाद बुधवार को कामकाज बंद कर दिया।
वुहान में कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए 10 दिन के भीतर 1,000 से अधिक बिस्तरों की क्षमता वाले 2 अस्पताल बनाए गए थे। यह अस्पताल उनमें एक था।
इन 2 अस्पतालों के अलावा चीन ने कोविड-19 के रोगियों को पृथक रखने तथा उनका उपचार करने के लिए 14 अतिरिक्त अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र भी बनाए थे। इन सभी को पिछले दिनों बंद कर दिया गया।
कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत में महामारी का केंद्र बनकर उभरे वुहान शहर में रोगियों के उपचार के लिए यह अस्पताल बनाया गया था। सरकारी अखबार 'चाइना डेली' ने बुधवार को खबर प्रकाशित की कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए हुबेई भेजे गए सैकड़ों चिकित्साकर्मियों के अंतिम बैच को भी वुहान से रवाना कर दिया गया है।
चीन ने वुहान में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आने के साथ ही हुबेई में 42,000 चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को तैनात कर दिया था। सरकार ने इसके बाद 23 जनवरी से वुहान में लॉकडाउन लागू करके संक्रमण पर रोकथाम की दिशा में बड़ा कदम उठाया। लॉकडाउन 8 अप्रैल को समाप्त कर दिया गया।
मंगलवार को हुबेई प्रांत में नोवेल कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आने के बाद अस्थायी अस्पताल को बंद कर दिया गया। (भाषा)