माले। भारत ने शुक्रवार को मालदीव से समुद्र के जरिए अपने 700 से अधिक नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है, जो कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 से जुड़े अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों के कारण द्वीपीय देश में फंसे हुए थे।
मालदीव में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि बड़े पैमाने पर विदेशों से अपने नागरिकों को लाने के लिए ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ नामक मिशन के तहत भारतीय नौसेना का युद्धपोत ‘आईएनएस जलाश्व’ मालदीव से भारतीय नागरिकों को लाने के लिए गुरुवार को माले पहुंचा।
कोच्चि में पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों ने कहा कि माले से रवाना होने वाले पहले नौसैनिक जहाज के 10 मई को कोच्चि बंदरगाह पहुंचने की उम्मीद है। भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि ‘आईएनएस जलाश्व’ भारतीय नौसेना द्वारा भारतीय नागरिकों को विदेशी तटों से घर लाने के लिए शुरू किए गए मिशन का हिस्सा है।
माले के एक रिसॉर्ट में काम करने वाले पलक्कड़ के प्रदीप ने कहा, यह बहुत बड़ी बात है कि उच्चायोग ने हमारे लिए यह व्यवस्था की और हमें अब तक कोई समस्या नहीं है। हमें उचित दिशा-निर्देश के साथ सभी चीजें मिलीं, सारी व्यवस्थाएं उच्चायोग द्वारा की गई है।
मालदीव स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, केरल के जमशेद ने भारत सरकार केरल सरकार और भारतीय नौसेना को मालदीव से भारतीय नागरिकों को वापस ले जाने वाले इस ऐतिहासिक ऑपरेशन के लिए धन्यवाद दिया है। आईएनएस जलाश्व में राहत सामग्री, कोविड-19 सुरक्षा उपकरणों की पूरी व्यवस्था है, इसके साथ ही जहाज में चिकित्सा और प्रशासनिक सहायता कर्मी भी मदद के लिए मौजूद हैं।
कोरोना वायरस महामारी के बीच, भारत ने विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन नाम का अपना सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है। भारत सरकार ने सोमवार को विदेश में फंसे अपने नागरिकों को 7 मई से चरणबद्ध तरीके से स्वदेश लाने की योजना की घोषणा की थी।(भाषा)