कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन से दक्षिणी राज्यों में दहशत, ब्रिटेन से लौटे लोगों की तलाश तेज

Webdunia
मंगलवार, 29 दिसंबर 2020 (18:03 IST)
कोरोनावायरस के ब्रिटेन के नए स्ट्रेन के मरीज भारत में मिलने के बाद दहशत फैली हुई है। दक्षिण के राज्यों में विदेश से लौटे यात्रियों में कोरोनावायरस मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बाद पिछले 4 सप्ताह में यूके से आए यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया गया। ब्रिटेन से लौटे 6 मरीजों में कोरोना का यह स्ट्रेन मिला है। बताया जाता है कि इनमें एक-एक मरीज तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के हैं।
 
तेलंगाना : तेलंगाना के राज्य चिकित्सा विभाग का अनुमान है कि 9 दिसंबर से 1,216 यूके यात्री आए हैं। इनमें 156 लोगों का पता अभी नहीं लग पाया है। अब तक, 996 लोगों का मेडिकल परीक्षण हुआ है। उनमें से 21 का कोरोना पॉजिटिव डायग्नोस हुआ था और 9 लोगों का टेस्ट का नतीजा सामने नहीं आया है। 
 
आंध्रप्रदेश : आंध्रप्रदेश में 1214 यात्री विदेश से आए, जिनमें 1158 लोगों का परीक्षण किया गया। इनमें 11 ब्रिटेन के यात्री पॉजिटिव पाए गए। इनके संपर्क में आने वाले 12 लोगों को भी पॉजिटिव पाया गया। सरकार द्वारा ब्रिटेन से लौटे 23 यात्रियों को संदिग्ध पाया गया। इनके सेंपल लैब्स में जांच के लिए भेजे गए हैं।
  
ब्रिटेन से केरल लौटे 18 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित : केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने मंगलवार को यहां बताया कि ब्रिटेन से लौटे 18 लोग अब तक कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ब्रिटेन में वायरस के नए स्वरूप के बारे में पता चलने के बाद वहां से लौटने वालों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। 
 
मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन से लौटे 8 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं और उनके नमूनों को जीन के विश्लेषण के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेज दिया गया है। मंत्री ने कहा कि जो लोग उम्रदराज हैं या अन्य रोगों से ग्रस्त हैं उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केरल के 4 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर निगरानी पहले ही बढ़ाई जा चुकी है।
 
मंत्री ने इससे पहले कहा था कि हाल ही में संपन्न स्थानीय निकाय चुनाव के बाद मामलों में भारी वृद्धि की संभावना थी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने इस संबंध में ऐहतियाती कदम उठाए इसलिए राज्य में मृत्युदर नहीं बढ़ी।

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