लंदन। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के एक नए और 'सबसे महत्वपूर्ण' स्वरूप की आधिकारिक तौर पर जांच की जा रही है। सरकार ने शुक्रवार को 6 दक्षिणी अफ्रीकी देशों को अपनी यात्रा प्रतिबंध की 'लाल सूची' में डाल दिया है। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले कोरोनावायरस के नए स्वरूप बी1.1.1.529 की पहचान की गई थी।
कोरोनावायरस का नया स्वरूप अब तक का खोजा गया सबसे भारी उत्परिवर्तित स्वरूप है। इस सप्ताह की शुरुआत में पहली बार दक्षिण अफ्रीका में वायरस के इस स्वरूप की पहचान की गई थी। कोरोना का यह नया स्वरूप बोत्सवाना सहित पड़ोसी देशों में पहले से फैल चुका है, जहां कथित तौर पर पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में इसका पता चला है।
ब्रिटेन ने शुक्रवार से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लागू कर दिया है। हालांकि सरकार ने दोहराया कि देश में अब तक वायरस के नए स्वरूप के किसी भी मामले का पता नहीं चला है।
यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) के अनुसार, नए स्वरूप में बड़ी संख्या में स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन के साथ-साथ वायरल जीनोम के अन्य हिस्सों में म्यूटेशन शामिल है, जो अधिक संक्रामक और टीका प्रतिरक्षा से बच सकता है।
यूकेएचएसए की मुख्य कार्यकारी डॉ. जेनी हैरिस ने कहा, यह अब तक का सबसे महत्वपूर्ण स्वरूप है और इसकी संक्रामकता, गंभीरता और टीका संवेदनशीलता के बारे में अधिक जानने के लिए तत्काल शोध चल रहा है। उन्होंने कहा, इन जांचों के परिणाम यह निर्धारित करेंगे कि कौनसी सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाई बी1.1.529 के प्रभाव को सीमित कर सकती है।
यह सबको याद दिलाता है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और हम सबकी जिम्मेदारी है कि इसके प्रसार की रोकथाम, संक्रमण दर को कम करने तथा नए स्वरूपों के उद्भव को रोकने के लिए जो भी कर सकते हैं, उसे करें। यूकेएचएसए ने कहा कि बी1.1.529 में संभावित रूप से जैविक रूप से महत्वपूर्ण उत्परिवर्तन हैं, जो टीकों, उपचार और संक्रमण के संबंध में वायरस के व्यवहार को बदल सकते हैं और इसलिए अधिक जांच की आवश्यकता है।
माना जाता है कि वायरस के नए स्वरूप में 50 स्पाइक म्यूटेशन हैं। स्पाइक प्रोटीन वे हैं, जिसका इस्तेमाल वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए करते हैं।(भाषा)