Corona से जंग : मंदिर-मस्जिद बने कोविड सेंटर, पूजा और इबादत के साथ हो रहा है रोगियों का इलाज (Photos)

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021 (19:57 IST)
बड़ौदा। गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामले इतने बढ़ गए हैं कि अस्पतालों बेड नहीं मिल रहे हैं। आज ही गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आए हैं। पहली बार कोरोना के 13,105 नए मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में 137 लोगों की मौत हुई है।

गुजरात में एक्टिव केस की संख्‍या 92,084 हो गई है। हालात ये हो गए हैं कि मरीजों को बरामदे में या किसी गाड़ी में अथवा एंबुलेंस में लिटाकर इलाज किया जा रहा है। ऐसे माहौल में बड़ौदा सिटी से एक सुखद खबर सामने आ रही है। यहां के मुस्लिम समाज ने ‘जहांगीरपुरा मस्जिद’ और तांदलजा स्थित ‘दारुल उलूम मस्जिद’ में सर्वसुविधा वाला कोविड सेंटर शुरू किया गया है।

इन दोनों मस्जिदों में सभी धर्म-समाज के कोरोना प्रभावित मरीजों का इलाज किया जाएगा। ऐसा शहर में पहली बार हो रहा है कि मुस्लिम समाज ने अपनी मस्जिदों के दरवाजे हर वर्ग के लोगों के इलाज के लिए खोल दिए हैं। 
इबादत के साथ सेवा : शहर के मुस्लिम समाज के नेताओं का कहना है कि अभी रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। ऐसे में लोगों की सेवा करने के लिए हमने यह कदम उठाया है। इस काम में ‘इबादत और सेवा’ दोनों शामिल हैं। इसलिए समाज ने फैसला लिया कि अल्लाह का घर उसके बंदों की सेवा के लिए इस्तेमाल हो। 
जहांगीरपुरा के इरफान शेख ने बताया कि कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति देखते हुए यहां की मस्जिद में सभी सुविधाओं वाले 50 बेड की व्यवस्था की गई है। जरूरत पड़ने पर और बेड बढ़ाए जा सकते हैं। इसी तरह तांदलजा की दारुल उलूम मस्जिद में 142 बेड के साथ कोविड सेंटर शुरू किया गया है। यहां ऑक्सीजन सिलेंडर, 10 वेंटिलेटर के साथ सभी तरह की जरूरी सुविधाएं हैं। इस सेंटर पर भी जरूरत के अनुसार अतिरिक्त बेड लगाए जा सकेंगे।
स्वामीनारायण मंदिर में भी बनाया कोविड सेंटर : इसी तरह वडोदरा के कारेलीबाग स्थित स्वामीनारायण मंदिर में भी 50 बेड का कोविड सेंटर बनाया गया है। यहां जान्हवी मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम कोरोना मरीजों का इलाज कर रही है।

इस सेंटर पर खुले वातावरण में बेड लगाए गए हैं। खाने, दवाई, ऑक्सीजन सहित बेहतर इलाज देने की व्यवस्था की गई है। मरीजों का आत्मबल बढ़ाने के लिए मंदिर के स्वामी ज्ञान जीवनदासजी सहित अनेक संत मरीजों से बातचीत भी करते रहते हैं।

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