इंदौर (मध्यप्रदेश)। देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में लगातार तीसरे दिन 125 से ज्यादा नए संक्रमित मिले हैं। इस बीच अनुमान लगाया गया है कि जिले में कोरोनावायरस संक्रमण जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है।
इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने शनिवार को बताया कि जिले में पिछले 3 दिन में कोविड-19 के क्रमशः 136, 129 और 145 नए मामले सामने आने के बाद इस महामारी के मरीजों की कुल तादाद बढ़कर 5,906 हो गई है।
उन्होंने बताया कि हमारा अनुमान है कि जिले में कोरोनावायरस संक्रमण जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है। इसके मद्देनजर हम चिकित्सा इंतजामों की नए सिरे से समीक्षा कर रहे हैं। सीएमएचओ ने बताया कि फिलहाल जिले में कोविड-19 के 1,443 मरीजों का इलाज किया जा रहा है जबकि इनके लिए अस्पतालों में कुल 7,000 बिस्तर आरक्षित हैं।
उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कोरोनावायरस संक्रमण के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के अनुमान के मद्देनजर हम अस्पतालों में इस महामारी के मरीजों के लिए 10,000 से ज्यादा बिस्तर आरक्षित रखने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए अस्पतालों के प्रबंधन से चर्चा कर बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
जड़िया ने बताया कि गुजरे 4 महीने के दौरान जिले में 288 मरीज कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं जबकि 4,175 लोग इलाज के बाद इस संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। चश्मदीदों ने बताया कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन खत्म होने के बाद से 35 लाख से ज्यादा आबादी वाले जिले की सड़कों, सार्वजनिक स्थानों एवं कार्यस्थलों में लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है। इसके मद्देनजर प्रशासन हाल के दिनों में पाबंदियों की डोर लगातार कस रहा है।
जिलाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि कोरोनावायरस संक्रमण रोकने के नए उपाय के तौर पर इंदौर में कारोबारी संस्थानों के लिए लेफ्ट-राइट प्रणाली शुरू की गई है यानी एक दिन सड़क के दाईं ओर की दुकानें खोलने की अनुमति दी जा रही हैं और इसके दूसरे दिन बाईं तरफ की दुकानों को खोले जाने की अनुमति प्रदान की जा रही है।
सिंह ने दोहराया कि सरकारी कारिंदों को निगरानी के लिए हर जगह तैनात नहीं किया जा सकता और आम लोगों को अपने स्तर पर भी कोविड-19 से बचाव की पूरी सावधानी रखनी होगी। जिले में कोविड-19 के प्रकोप की शुरुआत 24 मार्च से हुई, जब पहले 4 मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी। (भाषा)