स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने यहां कहा कि ब्रिटेन से लौटने वाले जो लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं, उनका इलाज किंग्स इंस्टिट्यूट फॉर प्रिवेंटिव मेडिसिन एंड रिसर्च में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है।
उन्होंने कहा, हम उनसे (एनआईवी) लगातार बातचीत कर रहे हैं। यह जिनोमिक विश्लेषण है। कई उत्परिवर्तन होते हैं जिनका अध्ययन किया जाना है। अधिकारी ने कहा कि इस तरह के विश्लेषण की प्रक्रिया जटिल होती है, जो कोरोनावायरस का पता लगाने के लिए नियमित जांच की तरह नहीं होती और इसलिए इसमें ज्यादा वक्त लग सकता है।
इस जांच का मकसद यह पता लगाने का है कि विषाणु का नया स्ट्रेन वर्तमान कोरोनावायरस जैसा है या यह अलग तरह का है, जैसा कि हाल में ब्रिटेन में देखा गया, जो ज्यादा खतरनाक है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ऐसे 2,724 यात्रियों की पहचान की गई है, जो या तो ब्रिटेन से पहुंचे हैं या 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच उस देश से गुजरे हैं।