लॉकडाउन है, कर्फ्यू भी लगा दिया गया है, यह प्रयास कुछ हद तक कारगर भी नजर आ रहे हैं। लेकिन कर्फ्यू के दौरान जरुरी सामान की खरीदी के लिए दी गई छूट को मजाक बना दिया गया है। इंदौर के कई इलाकों में तो यह सिर्फ तमाशा बनकर रह गया है। जो दृश्य सामने आ रहे हैं, वे बेहद गंभीर और दहशत में डालने वाले हैं।
विजयनगर से लेकर पाटनीपुरा और मालवा मिल तक। दुकानों पर भारी भीड़ हो रही है। एक घर से तीन से चार लोग सामान लेने के लिए घर से निकल रहे हैं। कुछ ही जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के मॉडल नजर आ रहे हैं।
कुछ लोग घूमने टहलने निकले हैं, कुछ लोग बच्चों को अपने वाहन पर बिठाकर शहर का नजारा दिखा रहे हैं।
पाटनीपुरा से लेकर मालवा मिल एरिया तक इतनी दुकानें है किराने की कि यहां आम दिनों जैसे ही दृश्य नजर आ रहे हैं।
देखकर हैरत होती है कि इतना सामान तो हम आम दिनों में भी नहीं खरीदते हैं, जितना अभी स्टॉक किया जा रहा है। यह भी तब हो रहा है, जब प्रशासन ने घर पर ही जरुरी सामान के लिए डिलिवरी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। समाज सेवी कई संगठन जरूरतमंद और गरीबों तक भोजन सामग्री पहुंचा रहे हैं।
वहीं जरूरी सामान में सिर्फ दूध, सब्जी और दवाइयां शामिल हैं, ऐसे में दाल, चावल, शक्कर के कट्टे और तेल के डिब्बों की खरीदी बेहद ही खौफनाक तरीके से की जा रही है।
लोग सामान की खरीदी के बाद कई घंटों तक यहां-वहां घूमते नजर आ रहे हैं। ऐसे में सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक की छूट मजाक बनकर रह गई है। लोगों ने इसे तमाशा बना दिया है।
इंदौर के लोहारपट्टी क्षेत्र में बुधवार को भारी तादात में जमा होकर नमाज अदा की गई। वहीं आजाद नगर में कुछ नेताओं ने समुदाय विशेष के लोगों को राहत सामग्री वितरित की। यह सामग्री लेने के लिए जो भीड़ उमड़ी थी, जो लाइन लगी थी, उसे देखकर दिल दहल उठेगा।
इंदौर में अब तक कोरोना से पॉजिटिव 10 लोगों की पहचान हो चुकी है, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग किस कदर धज्जियां उड़ाई जा रही, यह देखकर इंदौर शर्मसार है। हम शर्मसार हैं खुद पर। और यकीनन दहशत में भी।