उमेश ने बताया कि दुर्भाग्य से पिछले हफ्ते अस्पताल से मुझे फोन आया और मुझे बताया गया कि उनकी हालत बिगड़ गई है। उन्होंने कहा कि परिवार के 2 सदस्य अस्पताल जा सकते हैं, लेकिन जब तक मैं अस्पताल पहुंचा, मेरे पिताजी का निधन हो चुका था। उन्होंने बताया कि मेरे, मेरी मां और मेरे भाई-बहनों के लिए यह बेहद दुखद है कि हम अंतिम संस्कार के समय भी उन्हें आखिरी बार नहीं देख पाए।