न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने इस आरोपी के आवेदन पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि जब कुछ आरोपी जमानत पर तो कुछ पैरोल पर हों तो ऐसे हालात में जेलों में अधिक भीड़ करने का कोई मतलब नहीं है।