यह निर्णय मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी की अध्यक्षता में एक ऑनलाइन बैठक में जिलाधिकारियों द्वारा सुझाव देने के बाद लिया गया। जिलाधिकारियों ने कहा कि जब कोई व्यक्ति बिना पास के यात्रा करता है और बाद में उसके संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो ऐसे मामले में उक्त व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में मुश्किल आती है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि अन्य राज्यों और विदेश से आने वालों को पृथक-वास में रखा जाना चाहिए और उनका प्रवेश ई-पास उपलब्धता के अधीन होगी। ई-पास चिकित्सकीय आपात स्थिति, मृत्यु के मामलों या निकट संबंधियों के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए जारी किए जाते हैं।