विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ सालाना ग्रीष्मकालीन बैठक के दौरान कहा कि कोरोना वायरस के कारण सामने आए आर्थिक संकट को पूरी दुनिया में महसूस किया जा रहा है, लेकिन गरीब देशों तथा वहां के लोगों पर इसका अधिक असर देखने को मिलेगा।
विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर पड़ने वाले असर के अतिरिक्त हम वृहद वैश्विक आर्थिक मंदी का अनुमान लगा रहे हैं। उत्पादन, निवेश, रोजगार और व्यापार में गिरावट को देखते हुए हमारे आकलन से लगता है कि यह 2007-09 की आर्थिक मंदी से भयानक होगा।
मालपास ने कहा कि कोविड-19 मदद कार्यक्रम गरीब परिवारों को बचाने, कंपनियों को सुरक्षा प्रदान करने और नौकरियां बचाने के 3 सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि ऋण सुविधा गरीब देशों की मदद करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
इससे पहले आईएमएफ भी यह आशंका व्यक्त कर चुका है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जो आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है, यह 1930 के दशक की महान आर्थिक मंदी के बाद का सबसे गंभीर वैश्विक आर्थिक संकट हो सकता है। (भाषा)