The Kerala Story : कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स से उठे आग के अंगारे अभी ठीक से बुझे भी नहीं थे कि अब एक नई फिल्म द केरला स्टोरी देश में एक नई सनसनी है। सोशल मीडिया से लेकर अखबार और टीवी चैनलों में इन दिनों एक ही नाम स्क्रोल हो रहा है। द केरला स्टोरी। यह फिल्म देश में एक नया विवाद और हंगामा मचाएगी। इसका अंदाजा द केरला स्टोरी फिल्म के हाल ही में रिलीज हुए टीजर से ही पता चल गया है।
दिलचस्प है इन दिनों आने वाली और देश की राजनीति को जबरदस्त तरीके से प्रभावित कर रही हैं। जानते हैं कब-कब फिल्मों की वजह से देश की राजनीति में जबरदस्त भूचाल आया। दरअसल, फिल्मों के बहाने देश की राजनीति में अलग अलग विचारधारा के लोग अपनी-अपनी सियासत चमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।
द कश्मीर फाइल्स : गर्मा गई थी देश की सियासत
साल 2022 में रिलीज हुई विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और उनके नरसंहार आधारित थी। जिसके आते ही पूरे देश की राजनीति गर्मा गई। पूरा देश दो धड़ों में बंट गया। एक धड़ा वो जो फिल्म को प्रोपेगंडा बता रहा था तो दूसरा वो कह रहा था कि यह फिल्म नहीं होती तो कश्मीर में हुए इस नरसंहार का इतना वीभत्स सच सामने नहीं आ पाता। कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए थे तो कई फिल्म स्टार्स भी आमने-सामने आ गए। यहां तक इंटरनेशनल स्तर पर इस फिल्म का हंगामा हुआ।
पठान ने किया राजनीतिक हंगामा
हाल ही में शाहरूख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पठान की वजह से खूब राजनीतिक हंगामा हुआ। इसमें एक गाने के दौरान दीपिका पादुकोण ने भगवा रंग की बिकिनी पहनी थी, जिससे हिंदू संगठन ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए टिप्पणी की थी। सोशल मीडिया में बायकॉट बॉलीवुड चला।
इंदिरा गांधी ने लगाया था आंधी पर प्रतिबंध
फिल्मों पर प्रतिबंध या राजनीति कारणों से उनका विवाद में आना कोई नई बात नहीं है। मशहूर गीतकार और फिल्म डायरेक्टर गुलजार की 'आंधी' फिल्म 1975 में रिलीज हुई थी और उस समय इस फिल्म पर इंदिरा गांधी की जिंदगी से जुड़े होने का आरोप लगाया गया था। दरअसल, फिल्म को रिलीज के कुछ महीने बाद बैन किया गया था और वो इसलिए क्योंकि उस साल में आने वाले गुजरात चुनाव में विपक्षी दलों के नेताओं ने फिल्म की कुछ क्लिप्स को अपने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया था। उस समय सुचित्रा सेन को तस्वीरों में सिगरेट और शराब पीते दिखाया गया था। 1975 में इसके बाद इमरजेंसी भी लग गई और फिर 1977 तक ये फिल्म बैन रही थी।
कामसूत्र : देशभर में हुआ विरोध कामसूत्र एक ऐसी फिल्म थी, जिसमें स्त्री-पुरुष के संबंधों को बेहद खुलकर दर्शाया गया था। साल 1996 में आई इस फिल्म को लेकर भी देशभर में विरोध हुआ था। फिल्म में कई बोल्ड और न्यूड सीन फिल्माए गए थे। फिल्म को मीरा नायर ने डायेक्ट किया था। जहां कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने फिल्म का विरोध किया तो आम लोगों ने भी अपनी अलग अलग राय जाहिर की थी।
फायर पर लगी आग
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को लेकर सुनवाई चल रही है। सरकार और कुछ संगठन समलैंगिक विवाह के खिलाफ हैं तो वहीं एलजीबीटी कम्युनिटी इसके पक्ष में है। इस मुद्दे पर भी अभी जमकर राजनीति की जा रही है। इसी विषय पर साल 1996 में दीपा मेहता के निर्देशन में बनी फिल्म 'फायर' दो महिलाओं के समलैंगिक रिश्तों पर आधारित थी। यह मध्यवर्गीय परिवार में उन दो महिलाओं की कहानी थी जो रिश्ते में देवरानी और जेठानी होती हैं और एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाती हैं। कई संगठनों से इस फिल्म का विरोध किया था, जिसके चलते इस पर बैन लगा दिया गया।
अनफ्रीडम (Unfreedom)
समलैंगिक सब्जेक्ट पर ही बनी फिल्म 'अनफ्रीडम' (Unfreedom) भी विवादों में आई थी। इस फिल्म पर तो बैन लगा दिया था, क्योंकि यह समलैंगिक रिश्तों पर आधारित थी। फिल्म में ज्यादा अश्लीलता होने के वजह से सेंसर बोर्ड ने इसे रिलीज करने की मंजूरी नहीं दी थी, तो वहीं कई संगठनों ने इसके खिलाफ विरोध किया था।
द पेंटेड हाउस
इसी तरह पेंटेड हाउस नाम की एक फिल्म में एक बुजुर्ग शख्स और एक लड़की के बीच आत्मीय संबंधों को दिखाया गया था। फिल्म की कहानी सामने आने के बाद इस पर विवाद शुरू हो गया था। सामाजिक संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराई और राजनीतिक बयानबाजी भी हुईं। साल 2015 में बनी इस फिल्म को लेकर काफी बवाल मचा था। Written & Edited: By NavinRangiyal