इधर 2013, 2015 और 2020 के एग्जिट पोल के नतीजे चुनाव परिणामों से अलग आए थे। इसी आधार पर कई लोग एग्जिट पोल पर भी सवाल उठा रहे हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि इन पोल एजेंसियों ने उनके प्रदर्शन को कम करके आंका है।
अब ये एग्जिट पोल कितने सही साबित होंगे, यह 8 फरवरी को पता चल जाएगा। अगर एग्जिट पोल के आंकड़े फाइनल नतीजे में तब्दील होते हैं तो इसका मतलब है कि भादपा का 27 साल का सूखा खत्म हो सकता है। वहीं नतीजों के गलत होने पर आप लगातार चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होगी।