देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होने के कारण अगले चार महीनों तक विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, उपनयन संस्कार जैसे सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। पौराणिक मान्यतानुसार देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाला और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है। 6 जुलाई 2025 रविवार के दिन यह व्रत रखा जाएगा।ALSO READ: देवशयनी एकादशी की पूजा, उपाय, व्रत का तरीका, मंत्र और महत्व
देवशयनी एकादशी पर ये 5 काम करें:-
1. स्नान: जल में आंवले का रस मिलाकर स्नान करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है और समस्त पाप कट जाते हैं।
2. व्रत: इस दौरान विधिवत व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्त होती है और व्यक्ति निरोगी होता है।
3. पूजा: इस दिन प्रभु श्रीहरि की विधिवत पूजा करने और उनकी कथा सुनने से सभी तरह के संकट कट जाते हैं। इस दिन तुलसी और शालिग्राम की विधिवत रूप से पूजा और अर्चना करना चाहिए। आषाढ़ के महीने में अंतिम पांच दिनों में भगवान वामन की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।इस दिन चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करने से मानसिक शांति मिलती है। इस दिन सभी ओर के तीर्थ ब्रज में एकत्रित हो जाते हैं। अत: ब्रज यात्रा पुण्य का कार्य है।
4. पाठ: इस दिन देवशयनी की पौराणिक कथा का पाठ करें या श्रवण करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने और ब्राह्मणों को दक्षिणा देने से संतान सुख प्राप्त होता है। देवशयनी एकादशी पर श्रीसूक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।ALSO READ: देवशयनी एकादशी की पौराणिक कथा
5. दान: इस दिन गाय, कौवा, कुत्ते और पक्षियों को अन्नदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
देवशयनी एकादशी पर नहीं करें ये 5 कार्य:-
1. ब्रह्मचर्य: एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें, इस दिन स्त्रीसंग करना वर्जित है।
3. पत्ते तोड़ना: इस दिन वृक्ष से फल और पत्ता तोड़ना वर्जित है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर सेवन करें।
4. दातुन: एकादशी पर दातून यानी मंजन या पेस्ट करने की मनाही है। नीम की दातुन से दातुन कर सकते हैं। नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ साफ कर लें। यदि यह संभव न हो तो पानी से बारह बार कुल्ले कर लें।
5. बुरे कर्म: इस दिन क्रोध, हिंसा, जुआ, चोरी, परनिंदा, किसी की चुगली नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। तथा कई बार अपमानित भी होना पड़ सकता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी इन बातों से बचने का प्रयास करना उचित रहता है।
देवशयनी एकादशी पर प्राप्त होंगे लाभ:
1. शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत करने से सिद्धि प्राप्त होती है।
2. यह व्रत सभी उपद्रवों को शांत कर सुखी, शांति और प्रसन्नता प्रदान करता है और जीवन में खुशियों को भर देता है।
3. इस एकादशी का विधिवत व्रत रखने से चंद्र से संबंधित सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं।
4. इस एकादशी का विधिवत व्रत रखने से सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं।
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