Top 10 Encounters in India : पुलिस, अपराधी, फरारी और एनकाउंटर की यूं तो कई कहानियां हैं, लेकिन देश में एनकाउंटर ऐसे भी हैं, जिससे न सिर्फ हर शख्स सिहर उठा था, बल्कि जो अब तक सबसे ज्यादा चर्चा में भी रहे। 1982 में देश के पहले मान्या सुर्वे एनकाउंटर (Manya Surve Envounter) से लेकर 2023 में यूपी के सबसे बड़े माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके शूटर साथी गुलाम तक के ऐसे एनकाउंटर हैं, जो अपराध की दुनिया में सबसे खौफनाक कहानियों के तौर पर दर्ज हैं। आइए जानते हैं देश के ऐसे ही 10 एनकाउंटर के बारे में जिन्हें लेकर कई बार विवाद भी हुए तो कई बार उनकी प्रमाणिकता पर सवाल भी उठे।
मान्या सुर्वे एनकाउंटर : 1982
11 जनवरी 1982 को मुंबई के वडाला इलाके में चली कई गोलियों की आवाज और वहां पसरी बारुद की गंध ने देश के पहले एनकाउंटर की कहानी लिखी थी। यह एनकाउंटर था मुंबई के कुख्यात अपराधी मान्या सुर्वे का। (Manya Surve Encounter) एनकाउंटर मुंबई पुलिस के दो अधिकारी राजा तांबट और इशाक बागवान ने किया था। हालांकि अतीत में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कई आरोपियों की कहानी मिल जाएगी, लेकिन कहा जाता है कि 80 के दशक में हुए इस एनकाउंटर को अधिकारिक तौर पर सरकारी दस्तावेज दर्ज पहला एनकाउंटर माना जाता है।
38 साल के मान्या सुर्वे का असली नाम मनोहर अर्जुन सुर्वे था। वो 70 प्रतिशत से ज्यादा अंकों से ग्रेजुएट था। लेकिन कहा जाता है कि एक ऐसे मर्डर केस में उसे सजा हो गई, जो उसने किया ही नहीं था। जेल से बाहर आया तो अपराध की दुनिया ही उसे भा गई और कुछ ही वक्त में उसकी पहुंच अंडरवर्ल्ड तक हो गई। उस समय मान्या के पास 50 अपराधियों की गैंग थी। मुंबई में उसका आतंक था। महाराष्ट्र में बढ़ती गैंगवार, हत्या, फिरौती और अपहरण से आजीज आ चुके पुलिस विभाग ने एनकाउंटर स्क्वार्ड के नाम से एक नए दस्ते का गठन किया, मान्या सुर्वे इसी स्क्वार्ड के हाथों मारा गया।
असद अहमद- गुलाम का एनकाउंटर : 2023
यूपी के उमेश पाल हत्याकांड (Umesh pal murder) में आरोपी अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और इस गैंग के शूटर गुलाम का यूपी पुलिस ने झांसी में 13 अप्रैल को एनकाउंटर कर दिया। दोनों प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वॉन्टेड थे और दोनों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था। यह एनकाउंटर पूरे देश में जमकर चर्चाओं में है, क्योंकि इसके ठीक बाद यूपी के सबसे बड़े माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की यूपी पुलिस की कस्टडी में हत्या कर दी गई। यानी असद के पिता अतीक और चाचा अशरफ भी मारे गए। (Atique ahmed murder) अब अतीक के शूटर गुड्डू मुस्लिम और अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन की पुलिस को तलाश है
विकास दुबे का एनकाउंटर : 2021
10 जुलाई 2021 को यूपी के हिस्ट्री शीटर और गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) किया गया था। विकास दुबे के नाम पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज थे, लेकिन एनकाउंटर से ठीक एक हफ्ते पहले 3 जुलाई 2021 को उसने 8 पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी। दरअसल, 3 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में यूपी पुलिस विकास दुबे को पकड़ने के लिए गई थी, जिस दौरान मुठभेड़ में उसने पुलिसवालों पर गोलियां दाग दीं। मुठभेड़ में 1 सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। 9 जुलाई 2020 को वह मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में पकड़ा जाता है। 10 जुलाई की सुबह खबर मिलती है कि यूपी आते वक्त कानपुर के पास रास्ते में उसकी कार पलट गई। कार पलटने के बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया।
हैदराबाद एनकाउंटर : 2019
26 नवंबर 2019 की रात हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना सामने आई थी। वेटनरी डॉक्टर की जिस तरह से हत्या की गई थी, वह काफी भयावह और पूरे देश को हिला देने वाला था। पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की और घटना में शामिल 4 लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियो को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की। पुलिस की जांच चल ही रही थी कि 6 दिसंबर 2019 को खबर आई की तड़के करीब 3 बजे चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया गया। बाद में पुलिस ने बताया कि आरोपियों को सीन रिक्रीएट करने के लिए घटनास्थल पर ले जाया जा रहा था, जहां उन्होंने पुलिस से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की तो जवाबी कार्रवाई में मुठभेड़ के दौरान उन चारों की मौत हो गई।
आनंद पाल एनकाउंटर : 2017
2017 में राजस्थान के 5 लाख के इनामी गैंगस्टर आनंद पाल का एनकाउंटर (Anand Pal Encounter) किया गया था। राजस्थान के सालासर में एनकाउंटर के दौरान उसे मार गिराया गया। मुठभेड़ के दौरान आनंदपाल और उसके दो साथियों ने एके 47 समेत अन्य हथियारों से पुलिस पर करीब 100 राउंड फायर किए थे। आनंदपाल को 6 गोलियां लगीं। इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। एनकाउंटर से डेढ़ साल पहले गैंगस्टर आनंदपाल सिंह पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच भाग निकला था। पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार आनंदपाल को पकड़ने में 8 से 9 करोड़ रुपए खर्च हो चुके थे।
बाटला हाउस एनकाउंटर : 2008
13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट से पूरा देश दहल गया था। इनमें 39 लोगों की मौत हो गई थी और 150 से ज्यादा घायल हुए थे। आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने बम ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थी। 19 सितंबर 2008 को बाटला हाउस एनकाउंटर (Batla house Encounter) हुआ था। देश के सबसे चर्चित इस एनकाउंटर में दो आतंकी मारे गए थे। 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में बटला हाउस पहुंचे। वहां दोनों ओर से फायरिंग हुई। इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को दो गोलियां लगी थीं। दो आरोपी आरिज और शहजाद दूसरे गेट से निकल कर भागने में सफल रहे। गोलियां लगने से आतिफ अमीन और साजिद की मौत हो गई। पुलिस ने दो आतंकियों को भागते समय गिरफ्तार कर लिया।
तुलसी प्रजापति एनकांउटर : 2007
तुलसी प्रजापति (Tulsi prajapati Encounter) सोहराबुद्दीन शेख का साथी और शार्प शूटर था। पुलिस ने तुलसी को हरने पंड्या की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। 2007 में अहमदाबाद पेशी पर ले जाते समय तुलसी को उसके साथी छुड़ाकर ले जाने आए थे। इसी दौरान हुई मुठभेड़ में तुलसी मारा गया था। इस मामले की आंच पुलिस के साथ भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, उद्यमी विमल पाटनी, गुजरात के राजकुमार पाण्डेर पर भी आई थी।
दारा सिंह एनकाउंटर : 2006
जयपुर के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने 23 अक्टूबर 2006 को दारा सिंह का एनकाउंटर (Dara singh Encounter) किया था। दारा सिंह उर्फ दारिया राजस्थान के चुरू का रहने वाला था। उसके खिलाफ अपहरण, हत्या, लूट, शराब तस्करी और अवैध वसूली से जुड़े करीब 50 मामले दर्ज थे। इस एनकाउंटर से कई नेताओं के नाम जोड़े गए थे। एनकाउंटर से 5 दिन पहले पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था।
इशरत जहां एनकाउंटर : 2004
2004 में हुए (ishrat jahan) एनकाउंटर में गुजरात पुलिस ने इशरत जहां उसके दोस्त प्रनेश पिल्लई उर्फ जावेद शेख और दो पाकिस्तानी नागरिकों अमजदाली राना और जीशान जोहर को आतंकी बताते हुए ढेर कर दिया था। इशरत जहां केस में पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, पूर्व एसपी एनके अमीन, पूर्व डीएसपी तरुण बरोट समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया। बाद में पूर्व डीजीपी पीपीपी पांडेय को सीबीआई अदालत ने मामले में आरोप मुक्त कर दिया गया था।
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर : 2003
26 मार्च 2003 को गुजरात के गृहमंत्री हरेन पंड्या की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या और उसकी साजिश रचने का आरोप सोहराबुद्दीन शेख पर आया। घटना के बाद से वह फरार था। जबकि, उसका साथी तुलसी प्रजापति पकड़ा गया था। 2005 में अहमदाबाद में राजस्थान और गुजरात पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन करके सोहराबुद्दीन शेख को मार गिराया था। (Sohrabuddin Encounter) यह एनकाउंटर पूरे देश में बहुत चर्चाओं में रहा था।