भारत के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। एक तरफ जहां INS Vikrant को नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया है, वहीं नौसेना के लिए नया ध्वज बनाकर उसे शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नौसेना के नए ध्वज का अनावरण किया। उन्होंने कई दशकों से औपनिवेशिक अतीत के चिन्ह को हटाते हुए नौसेना के लिए डिजाइन किए गए नए ध्वज का अनावरण किया।
INS Vikrant के नौसेना में शामिल होते ही नौसेना की ताकत दुगनी हो जाएगी। बता दें कि INS Vikrant पोत को कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किया गया है जिसके निर्माण में करीब 20 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है।
आइए जानते हैं क्या विशेषता है नौसेना के नए ध्वज में और इसमें से क्या हटाया गया है और किन चिन्हों को शामिल किया गया है।
भारतीय नौसेना को मिला नया ध्वज
- भारतीय नौसेना को गुलामी के निशान से आखिरकार आजादी मिल गई है
- 2 सितंबर 2022 को भारतीय नौसेना ने नया निशान अपनाया
- नौसेना के नए ध्वज से क्रॉस के निशान को हटा दिया गया है
- नौसैनिक क्रेस्ट को फिर से ध्वज में शामिल किया गया
- बता दें कि देश की नौसेना का एक ध्वज होता है, जिसे नौसेना के युद्धपोतों, ग्राउंड स्टेशनों और उसके हवाई अड्डों के ऊपर फहराया जाता है
- नए झंडे के ऊपर बाईं ओर तिरंगा बना है। वहीं दूसरी तरफ नीले रंग के अष्टकोणीय आकार में गोल्डन रंग का - - अशोक चिह्न बना है, जिसके नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा है।
- नए झंडे के नीचे संस्कृत भाषा में 'शं नो वरुणः' भी लिखा गया है, जिसका मतलब है 'हमारे लिए वरुण शुभ हों'। - हिंदू धर्म में वरुण को समुद्र का देवता माना जाता है।
- बता दें कि छत्रपति शिवाजी महाराज के सम्मान में यह नया ध्वज बनाया गया है।
- नीले रंग के अष्टकोणीय आकार पर गोल्डन रंग का अशोक चिह्न छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मुहर से लिया है।
ऐसा था नौसेना का पुराना ध्वज
- बताया जाता है कि वैसे तो भारतीय नौसेना के गठन छत्रपति शिवाजी महाराज ने ही कर दिया था, लेकिन औपचारिक रूप में यह ब्रिटिश काल में अस्तित्व में आई थी।
- 2 अक्टूबर 1934 को नौसेना सेवा का नाम बदलकर अंग्रेजों ने रॉयल नेवी कर दिया था, लेकिन देश की आजादी के साथ ही 26 जनवरी, 1950 को रॉयल शब्द को हटाकर भारतीय नौसेना नाम कर दिया गया। बता दें कि पिछले कई दशकों से औपनिवेशिक झंडे को नहीं हटाया गया, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बदल कर नया ध्वज दे दिया है।
- अभी तक भारतीय नौसेना का निशान एक सफेद झंडा था, जिस पर खड़ी और आड़ी रूप में लाल रंग की दो पट्टियां बनी थीं। इसे क्रॉस ऑफ सेंट जॉर्ज कहते हैं।
- दोनों पट्टियों के मिलन बिंदु पर राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ बना हुआ था और ऊपर बाईं ओर तिरंगा लगा था।
- अब भारतीय नौसेना के नए निशान से गुलामी के प्रतीक लाल क्रॉस को हटा दिया गया है।