What is deep state conspiracy: तेजी से बढ़ता भारत डीप स्टेट के टारगेट पर है। डीप स्टेट भारत में अपने एजेंटों की मदद से देश विरोधी गतिविधियों को समय- समय पर हवा देता रहता है। यही नहीं, देश विरोधी गतिविधियों में संलग्न सैकड़ों हजारों एनजीओ को भी इसी डीप स्टेट द्वारा वित्त पोषित किया जाता है ताकि यहां पर राजनितिक गतिरोध और प्रशासनिक अस्थिरता का माहौल बनाए रखा जा सके।
सवाल है कि क्या वाकई दुनिया के तमाम देशों में डीप स्टेट काम करता है या इसका अस्तित्व है? क्या है ये डीप स्टेट और कैसे काम करता है। क्या वाकई Deep State conspiracy होती है। जानते हैं कहां से आया यह शब्द और क्या है इसका मतलब।
Donald Trump Attack और Deep State : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर 13 जुलाई को जानलेवा हमला हुआ था। ट्रंप जब पेंसिलवेनिया में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे, ठीक उसी वक्त एक शख्स ने उन पर गोली दाग दी। एक गोली ट्रंप के कान को छूते हुए निकली। ट्रंप का लहूलुहान फोटो पूरी दुनिया के अखबारों में तैरने लगा। हालांकि ट्रंप बच गए। हमले के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरी के बारे में चर्चा होने लगी। इनमें से एक थ्योरी थी (US Deep State) डीप स्टेट। मतलब, लोगों का कहना था कि इस हमले के पीछे 'डीप स्टेट' है।
बांग्लादेश तख्तापलट और Deep State : ठीक इसी तरह बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद भी 'डीप स्टेट' (Deep State) एक बार फिर से चर्चा में आया है। कहा जा रहा है कि जेल में बंद बांग्लादेश की पहली प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने 'डीप स्टेट' (Deep State) के जरिये बांग्लादेश में तख्तापलट करवाकर प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश से बाहर भगाया।
क्या भारत में काम कर रहा है Deep State : भारत में भी डीप स्टेट को लेकर कई बार सुर्खियां सामने आ ही जाती हैं। कहा जाता है कि देश में होने वाले किसान आंदोलन या आरक्षण के लिए होने वाले आंदोलन बाहर विदेशों से ऑपरेट होते हैं और इनके जरिये डीप स्टेट की मदद से भारत में उथल पुथल मचाई जा सकती है। क्या भारत में भी Deep State काम कर रहा है या असर डाल रहा है। हालांकि इसके कोई पुख्ता सबूत कभी किसी देश में देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन इसे बहस का हिस्सा बनाकर अक्सर राजनीतिक गतिरोध सामने आता रहा है।
2022 में क्या कहा था राहुल गांधी ने : साल 2022 की बात है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक इंटरव्यू में कहा था- भारतीय राजनीति पर डीप स्टेट' का असर है। भारत तब जीवंत होता है जब भारत बोलता है। चुप होने पर यह मृत हो जाता है। भारत को बोलने की इजाजत देने वाली संस्थाओं जैसे, संसद, चुनाव आयोग और लोकतंत्र के मूल स्ट्रक्चर पर एक संगठन का कब्जा हो रहा है। डीप स्टेट इन जगहों पर घुस रहा है। सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी के पास इसे लेकर कोई पुख्ता इनपुट हैं। या वाकई किसी देश में डीप स्टेट काम करता है और इतना असर डाल सकता है कि वहां की सत्ता हिल जाए, जैसा कि बांग्लादेश में हुआ।
क्या है Deep State : डीप स्टेट को लेकर अमेरिका समेत पूरी दुनिया में चर्चा पहले से है। हालांकि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस बहस ने तेजी पकड़ी। डीप स्टेट की थ्योरी में विश्वास रखने वाले कहते हैं कि ये चुने हुए प्रतिनिधियों के समानांतर चलने वाला एक सिस्टम है, जिसमें मिलिट्री, इंटेलिजेंस और ब्यूरोक्रेसी के लोग शामिल होते हैं। ये लोग सरकार से अलग अपनी खुद की नीतियां लागू करते हैं और फॉरेन पॉलिसी और दूसरी नीतियों को प्रभावित करते हैं। जबकि कुछ लोग मानते हैं कि अमेरिका में डीप स्टेट जैसा कुछ नहीं है। मिलिट्री, इंटेलिजेंस और ब्यूरोक्रेसी के लोग अमेरिका के संविधान और कानून-व्यवस्था के मुताबिक ही काम करते हैं। क्योंकि कई बार चुनी हुई सरकारों को इन प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों का काम पसंद नहीं आता, इसलिए वो आरोप लगाती हैं कि डीप स्टेट उन्हें काम नहीं करने दे रहा है। ऐसे ही आरोप ट्रंप भी लगाते रहे हैं। वो कहते रहे हैं कि उदारवादी और वामपंथी विचारधारा के लोग प्रशासनिक पदों पर काबिज हैं और वो उनकी नीतियों को ढंग से लागू नहीं होने देते। यही आरोप उनका समर्थन करने वाला दक्षिणपंथी तबका भी लगाता है।
क्या वियतनाम मामले में ऐसा हुआ था : बता दें कि डीप स्टेट की थ्योरी की वकालत लिबरल और वामपंथी तबके के लोग भी करते रहे हैं। वियतनाम युद्ध के दौरान जब अलग-अलग मीडिया संस्थानों ने ऐसे कई दस्तावेज उजागर किए, जिनमें पता चला कि अमेरिकी सरकार जानबूझकर वियतनाम युद्ध को लंबा खींच रही है तब कहा गया कि डीप स्टेट ही ऐसा करवा रहा है और डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर्स को फायदा पहुंचा रहा है।
क्या होता है डीप स्टेट का अर्थ : कैंब्रिज डिक्शनरी के मुताबिक डीप स्टेट ऐसे समूह को कहा जाता है जो गुप्त तरीके से विशेष हितों की रक्षा के लिए और चुने बिना देश पर राज करने के लिए काम करते हैं। जहां तक इस शब्द के आने का सवाल है तो डीप स्टेट शब्द संभवतः तुर्की डेरिन डिलेट (derin devlet) (गहरा/ गहन राज्य) का एक अनुवाद है।
क्या कहता है सर्वे : ABC न्यूज और वाशिंगटन पोस्ट ने एक सर्वे किया। इस सर्वे में पता चला कि लगभग आधे अमेरिकी डीप स्टेट के वजूद में विश्वास रखते हैं। यानी वे मानते हैं कि डीप स्टेट जैसा कोई स्टेट होता है। इस सर्वे के आने के बाद से अमेरिका के अकादमिक तबकों और मीडिया में एक बार फिर से डीप स्टेट पर बहस तेज हो गई। मसलन, मशहूर पॉलिटिकल साइंटिस्ट फ्रांसिस फुकुयामा का वॉल स्ट्रीट जर्नल में एक लेख छपा। इसमें उन्होंने लिखा था कि डीप स्टेट की बातें बेमानी हैं।
क्या कहा था फुकुयामा ने : फ्रांसिस फुकुयामा ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी के जिन लोगों पर डीप स्टेट होने का आरोप लगाया जा रहा है, दरअसल वो कानून की हदों में रहकर काम करते हैं और क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप की कई नीतियों अमेरिकी संविधान के विरोध में हैं, ऐसे में ब्यूरोक्रेसी के लोग अपने स्तर पर इन नीतियों का विरोध करते हैं। फुकुयामा ने कहा कि इन ब्यूरोक्रेट्स के बिना अमेरिका चल नहीं पाएगा। Edited by Navin Rangiyal