सरकार और 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। दसवें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने की पेशकश की थी, लेकिन किसान यूनियनों ने इसे खारिज कर दिया था।
सरकार ने यूनियनों से 11वें दौर की वार्ता में प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने और अपने निर्णय से अवगत कराने को कहा था। तोमर ने कहा, सरकार ने किसान यूनियनों को सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव दिया है। मुझे उम्मीद है कि वे आपस में चर्चा कर हमें अपने निर्णय से अवगत कराएंगे।
एक बार उनके द्वारा इस बारे में अवगत कराए जाने पर हम इसे आगे बढ़ाएंगे।मंत्री ने 11वें दौर की वार्ता के बाद संकेत दिया था कि आगे बात नहीं होगी, लेकिन सरकार की पेशकश पर किसानों के अंतिम फैसले को लेकर वह बैठक करने को तैयार होंगे।
यह देखना बाकी है कि 26 जनवरी की अपनी प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के बाद किसान यूनियन सरकार को अपने फैसले से अवगत कराती हैं या नहीं। इस बीच, कृषि कानूनों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई समिति का 27 जनवरी को किसानों और किसान संगठनों से दूसरे दौर की चर्चा किए जाने का कार्यक्रम है।