लखनऊ। 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद के मद्देनजर केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। इसी के चलते उत्तरप्रदेश में भारत बंद का खास असर नहीं दिखा। रोज की तरह सब्जीमंडी से लेकर फल मंडी और अन्य बाजार खुले रहे। छोटे व्यापारी से लेकर आम लोगों का आवागमन मंडियों और बाजारों में में साफतौर पर देखा गया।
नेता नजरबंद : उत्तरप्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की रात ही कड़े निर्देश पुलिस प्रशासन को दे रखे थे जिसके चलते देर रात ही उत्तरप्रदेश के लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, फर्रुखाबाद, मेरठ, कन्नौज, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, अंबेडकर नगर, कानपुर देहात, इटावा, सैफई, गाजियाबाद, नोएडा बरेली, मुरादाबाद रामपुर इत्यादि अन्य जिलों में पुलिस ने समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के साथ अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया था। मंगलवार सुबह जो कार्यकर्ता व नेता सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन कर रहे थे, उन्हें हिरासत में लेकर अस्थायी जेल पहुंचा दिया था। हालांकि शाम ढलते ही सभी को रिहा कर दिया गया।
लेकिन, लगभग 12 बजे के बाद कानपुर लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी से समाजवादी नेताओं के द्वारा सड़कों पर निकलने की जानकारी होते ही मुस्तैद पुलिस ने विधायकों और नेताओं को घेर लिया इस बीच पुलिस व नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन फिर पुलिस ने मजबूती के साथ समाजवादी पार्टी के अन्य अलग-अलग जिलों के विधायकों को हिरासत में लेकर अस्थायी जेल भी पहुंचाया, जिन्हें देर शाम 5 बजे के बाद रिहा कर दिया गया है।
क्या बोले किसान नेता : राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि उनके संगठन के पदाधिकारियों को उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, औरैया, कन्नौज, प्रयागराज, गाजियाबाद तथा अन्य शहरों में पुलिस ने नजरबंद किया है, जो लोकतंत्र की हत्या जैसा है।
भारतीय किसान यूनियन (राधे गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधेलाल यादव ने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए भारत बंद को विफल करने के मकसद से हर हथकंडा अपना रही है। उन्होंने कहा कि भारत बंद को विफल बनाने के लिए उनकी यूनियन के कार्यकर्ताओं की भी धरपकड़ की गई है, जो लोकतंत्र की हत्या है।
क्या बोले अखिलेश यादव : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों के समर्थन में सपा नेताओं से डर गई है भाजपा सरकार। मुख्यमंत्री के इशारे पर सपा नेताओं को घरों में नजरबंद करना अलोकतांत्रिक एवं निंदनीय है। प्रदेश के अलग अलग जनपदों में किसानों के 'भारत बंद' में बढ़-चढ़कर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता व नेता हिस्सा ले रहे हैं और किसानों के संघर्ष में साथ समाजवादी पार्टी खड़ी है।