एक दिन पहले हुई हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। किसान नेताओं ने हालांकि आरोप लगाया है कि मंगलवार की घटनाओं के पीछे एक साजिश थी और उन्होंने इस संबंध में जांच कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन चलता रहेगा और 30 जनवरी को देशभर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी।
पाल ने कहा कि हमने 1 फरवरी को बजट के दिन संसद मार्च की अपनी योजना रद्द कर दी है, लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा और 30 जनवरी को देशभर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी। एक अन्य किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने दावा किया कि मंगलवार की परेड में 2 लाख से अधिक ट्रैक्टरों के साथ लाखों लोगों ने भाग लिया और "99.9 प्रतिशत प्रदर्शनकारी शांत थे। (भाषा)