केंद्रीय मंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वातावरण बनाने और देश में अस्थिरता व अराजकता का माहौल पैदा करने के लिए किसान आंदोलन को भड़काया जा रहा है। नए कृषि कानूनों पर देश की जनता मोदी के साथ है। प्रधान ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस के विरोध को इस विपक्षी दल का मानसिक दिवालियापन करार देते हुए दावा किया कि महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, ओडिशा और अन्य राज्यों में इस तरह के कानून पहले ही बनाए जा चुके हैं।
उन्होंने नए कृषि कानूनों को भारतीय किसानों की उपज को अंतरराष्ट्रीय मंडियों में पहुंचाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि वैश्विक जिंस बाजार में प्रतिस्पर्धा में उतरने के लिए भारत में 'एक देश, एक बाजार' की अवधारणा को अमलीजामा पहनाया जाना जरूरी है। प्रधान ने कहा कि नए कृषि कानूनों से पहले की फसल कारोबार व्यवस्था में किसानों का काफी शोषण होता था और बिचौलियों को बड़ा फायदा होता था। (भाषा)