किसान आंदोलन ‌पर‌ कमेटी बनाने का सुप्रीम कोर्ट का सुझाव किसानों की नैतिक जीत : AIKSCC

विकास सिंह

बुधवार, 16 दिसंबर 2020 (18:20 IST)
मोदी सरकार के नए कृषि ‌कानूनों के विरोध में दिल्ली की‌‌ सीमा पर हो रहे किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज‌ सुनवाई के दौरान केंद्र ‌सरकार को एक कमेटी बनाने का सुझाव देने को‌ किसान आंदोलन ‌का‌ नेतृत्व कर रही एआईकेएससीसी (AIKSCC) ने किसानों की नैतिक जीत‌ बताया है।‌
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सुप्रीम कोर्ट‌ के फैसले पर संगठन ने‌‌ अपनी प्रतिक्रिया ‌व्यक्त करते ‌हुए‌ कहा कि ‌‌‌किसान हमेशा ही अपनी राय रखने के लिए तैयार रहे हैं, लेकिन संगठन ने साफ‌‌ किया है कि अगर कोई कमेटी बनती भी है तो भी तीनों कृषि कानून व बिजली बिल वापस होने तक दिल्ली में किसान आंदोलन जारी रहेगा। संगठन ने कहा‌ ‌कि कमेटी का बनना तब उपयोगी होगा अगर पहले ये कानून वापस लिए जाएं और कमेटी में राष्ट्रीय व क्षेत्रीय किसान संगठनों के प्रतिनिधि प्रभावी रूप में शामिल किए जाएं। 
एआईकेएससीसी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसानों के विपक्ष द्वारा गुमराह किए जाने की बात‌ कह रहे हैं जबकि सच यह है कि वे खुद देश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने अपने पुराने स्पष्टीकरण को दोहराया है कि किसान की जमीन नहीं जाएगी, एमएसपी सरकारी खरीद जारी रहेंगे, कानून किसानों के लिए अवसर पैदा कर रहे हैं, जबकि उनके सारे कदम इसे गलत साबित करते हैं।
 
 AIKSCC की वर्किंग ग्रुप ने आगामी 20 दिसंबर को सुबह 11 से 1 बजे तक हर गांव में किसान आंदोलन में शहीद हुए पंजाब और हरियाणा के 30 किसानों का श्रद्धांजलि दिवस मनाने का निर्णय लिया है, वहीं एआईकेएससीसी ने मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा किसान आंदोलन के नेताओं के प्रति अपशब्द के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की।
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एआईकेएससीसी ने सरकार द्वारा आईआरसीटीसी डाटा का दुरुपयोग कर केवल सिखों के ई-मेल निकालकर मोदी के लिए सहानुभूति अर्जित करने वाले उन्हें पत्र भेजने की कड़ी निन्दा की है और कहा है कि यह किसान आन्दोलन को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास है।

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