नई दिल्ली। किसान यूनियनों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मार्च को अपने आंदोलन के 4 महीने पूरे होने के मौके पर भारत बंद का आह्वान किया है। किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल ने बुधवार को कहा कि किसान और व्यापार संघ मिलकर 15 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि और रेलवे के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने सिंघू बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा कि हम 26 मार्च को अपने आंदोलन के 4 महीने पूरे होने के मौके पर पूर्ण रूप से भारत बंद का पालन करेंगे। शांतिपूर्ण बंद सुबह से शाम तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने कहा कि किसान 19 मार्च को 'मंडी बचाओ-खेती बचाओ' दिवस मनाएंगे।
किसान यूनियनों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहीदी दिवस मनाने का भी फैसला लिया है। बुर्जगिल ने कहा कि किसान नेताओं ने 28 मार्च को होलिकादहन के दौरान नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने का भी निर्णय लिया है।
बंगाल में भाजपा की परेशानी बढ़ाएंगे राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने आगामी 13 मार्च को कोलकाता जाने का ऐलान करते हुए बुधवार को कहा कि वे किसानों से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर चर्चा करके भाजपा को पराजित करने का आह्वान करेंगे। हालांकि वे किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करेंगे।
टिकैत ने सिकंदरपुर के चेतन किशोर मैदान में किसान महापंचायत को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वे 13 मार्च को कोलकाता जाएंगे और वहीं से निर्णायक संघर्ष का बिगुल फूकेंगे।
टिकैत ने आरोप लगाया कि देश के किसान भाजपा की नीतियों से त्रस्त हैं। वह पश्चिम बंगाल के किसानों से चुनाव पर चर्चा करेंगे और भाजपा को हराने का आह्वान करेंगे। साथ ही कहा कि वह किसी भी दल के पक्ष में अपील या किसी का समर्थन बिल्कुल नहीं करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पश्चिम बंगाल में वोट मांगने नही जा रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है। इसके पूर्व, टिकैत ने किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि दिल्ली से लुटेरों को भगाना है। वह आखिरी बादशाह साबित होगा।' भाकियू नेता ने किसानों को 'एक गांव, एक ट्रैक्टर और 15 आदमी' का नारा दिया और कहा कि 10 दिन की तैयारी कर लें। किसी भी वक्त दिल्ली कूच करने के लिए आह्वान किया जा सकता है। उन्होंने बिहार में भी आंदोलन को धार देने का आह्वान किया।
आंदोलन को लेकर किसानों में मतभेद के दावों को खारिज करते हुए टिकैत ने कहा कि अब झंडे को लेकर कोई भी एतराज नहीं करता। उन्होंने कहा कि एकजुट न होने के कारण ही किसान लुटे हैं। भारत के किसानों के आंदोलन की अनुगूंज पूरी दुनिया में होने लगी है।
टिकैत ने आंदोलन को किसानों के आत्मसम्मान का प्रतीक करार देते हुए आगाह किया कि किसान पराजित हो गया तो मजदूर व नौजवान भी पराजित हो जायेगा। उन्होंने कहा कि पूरी ताकत के साथ संगठित होकर लड़ाई लड़नी है। (भाषा)