राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार बातचीत करने की इच्छुक नहीं है, इसलिए हम 22 जुलाई 2021 को संसद के बाहर अपना डेरा जमाकर बैठेंगे। हमारे 200 किसान प्रतिदिन पार्लियामेंट जाएंगे। राकेश ने अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर जारी करते हुए लिखा कि संसद अगर अहंकारी और अड़ियल है तो देश में जनक्रांति निश्चित होती है।
इस पोस्टर पर संसद भवन का चित्र है, उसके साथ ही एक तरफ गेंहू की बालिया दिखाई दे रही हैं। पोस्टर के नीचे बैकग्राउंड में किसानों का विरोध प्रदर्शन का फोटो भी चित्रित है। इसी पोस्टर में प्रदर्शन की तिथि 22 जुलाई अंकित है और सबसे नीचे हैशटैग करते हुए किसानों का संसद भवन पर प्रदर्शन लिखा गया है।
आगामी 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र प्रारंभ हो रहा है। लंबे समय से किसान तीन कृषि बिल के विरोध में धरनारत है। विपक्ष भी अपने हाथों से किसानों के हॉट इश्यू को जाने नही देगा, जिसके चलते वह संसद के अंदर किसानों के मुद्दों को उछालेगा।