नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'आंदोलन-जीवी' बयान पर रोष जताया और कहा कि यह किसानों का अपमान है।किसान संगठनों के समूह ने कहा कि 'आंदोलनों' के कारण भारत को औपनिवेशिक शासन से आजादी मिली और कहा कि उन्हें गर्व है कि वे 'आंदोलन-जीवी' हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को विदेशों से आंदोलन को प्रभावित करने के प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्हें विदेशी विध्वंसक विचारधारा (एफडीआई) करार दिया और कहा कि देश में आंदोलनकारियों की नई नस्ल पैदा हो गई है, जो बिना किसी हंगामे के नहीं रह सकती।
संगठन की तरफ से इसके नेता दर्शनपाल द्वारा जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री द्वारा किसानों के अपमान की वह निंदा करता है।भाजपा पर निशाना साधते हुए एसकेएम ने कहा, भाजपा और उसके पूर्ववर्तियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन नहीं किया और वे हमेशा आंदोलनों के खिलाफ रहे। वे अब भी जन आंदोलनों से डरे हुए हैं।
एसकेएम ने कहा, सरकार अगर किसानों की वैध मांगों को मान लेती है तो किसानों को अपने खेतों में लौटने में खुशी होगी और सरकार के अड़ियल रवैए के कारण ज्यादा आंदोलन-जीवी पैदा हो रहे हैं।पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से के किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर ढाई महीने से आंदोलन कर रहे हैं।
संगठन ने कहा कि एसकेएम सकारात्मक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के साथ खड़ा है, जिसमें दुनिया के किसी भी हिस्से में मूलभूत मानवाधिकार शामिल हों और उम्मीद है कि दुनियाभर में समान विचारधारा वाले लोग इससे सहमत होंगे, क्योंकि कहीं भी अन्याय से न्याय को खतरा है।(भाषा)