परफ्यूम चुनें सोच-समझकर

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आजकल परफ्यूम का उपयोग व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है। परफ्यूम का चुनाव करने में पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि हर परफ्यूम का अलग-अलग प्रभाव होता है। अपनी खास पहचान बनाने के लिए कभी भी अधिक मात्रा में परफ्यूम का उपयोग नहीं करें। ऐसा करके आप खुद को हास्यास्पद ही नहीं बनाते हैं, बल्कि अन्य लोगों के लिए सिरदर्द तथा एलर्जी का कारण भी बन बैठते हैं।

कई लोगों को सुगंध की तीव्रता से चक्कर भी आ जाते हैं। सही सुगंध जहां लोगों को आपकी ओर आकर्षित करती है, वहीं गलत सुगंध का इस्तेमाल आपके पास बैठे लोगों को आपसे दूर भगा सकता है। खास माहौल में खास तरह की खुशबू वातावरण को आत्मीय बना देती है।

हर मौसम की अलग-अलग विशेषता होती है, अतः परफ्यूम का इस्तेमाल भी मौसम को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। गर्मी के मौसम में हल्की सुगंध भीनी-भीनी खुशबू बिखेरने वाले परफ्यूम उपयुक्त रहते हैं, जबकि सर्दियों में तेज सुगंध वाले परफ्यूम। इसी तरह किसी भी मौसम में दिन में हल्की खुशबू और रात में तेज सुगंध का प्रयोग करना अच्छा होता है।

  परफ्यूम को बाहरी कपड़ों पर कभी भी न छिड़कें। सुगंध अधिक समय तक बरकरार रहे, सके लिए उसका प्रयोग पर्याप्त सही स्थानों पर जैसे कलाई, कनपटी, गर्दन और कंधों आदि पर करें। बालों में लगाने से भी खुशबू टिकाऊ होती है।      
परफ्यूम का चुनाव अपनी संपन्नता व अपने व्यक्तित्व के अनुरूप करें। यदि आप कामकाजी महिला हैं तो तेज सुगंध के प्रयोग से बचें। आपके लिए भीनी-भीनी महक वाली पुष्प सुगंध उपयुक्त है। गृहिणियों के लिए पानी में यूडी-कोलोन डालकर नहाना ही उत्तम है। अच्छी गुणवत्ता अच्छी सुगंध वाले टेलकम पावडर का इस्तेमाल करें।

यदि आप कॉलेज के छात्र हैं तो परफ्यूम का इस्तेमाल न ही करें तो बेहतर है। साथ ही तेज सुगंध का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे आपकी गलत छवि बन सकती है। इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि सुगंध आपके व्यक्तित्व पर अनुकूल या प्रतिकूल दोनों ही प्रभाव डाल सकती है। सही सुगंध जहां व्यक्तित्व को आकर्षक बना सकती है, वहीं गलत सुगंध आपको फूहड़ता की श्रेणी में खड़ा कर देती है।

कॉलेज की छात्राएं अगर परफ्यूम का इस्तेमाल करना चाहें तो चंदन या अन्य किसी भी प्राकृतिक सुगंध या फूलों की भीनी खुशबू का इस्तेमाल करें। स्प्रे करने के बाद परफ्यूम की शीशियों को कसकर बंद करें और छायादार अंधेरी जगहों पर रखें, क्योंकि सूर्य की गर्मी से सुगंध उड़ जाती है।

बनारसी साड़ी अथवा कढ़ाई वाले अन्य कीमती कपड़ों पर कभी भी तीखे परफ्यूम स्प्रे नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे कपड़ों की आभा कम होने लगती है। सूती कपड़ों पर भी कम ही परफ्यूम करें। कभी-कभी बदरंग होने का खतरा रहता है जबकि सिंथेटिक कपड़ों पर अधिक परफ्यूम स्प्रे करना चाहिए, क्योंकि सिंथेटिक कपड़ों से खुशबू जल्दी उड़ जाती है। रंगों पर भी कोई असर नहीं होता। रूमाल पर परफ्यूम का इस्तेमाल कर सकते हैं।

परफ्यूम को बाहरी कपड़ों पर कभी भी न छिड़कें। सुगंध अधिक समय तक बरकरार रहे, सके लिए उसका प्रयोग पर्याप्त सही स्थानों पर जैसे कलाई, कनपटी, गर्दन और कंधों आदि पर करें। बालों में लगाने से भी खुशबू टिकाऊ होती है। आजकल अंतरराष्ट्रीय परफ्यूम अधिक पसंद किए जा रहे हैं। इनके इस्तेमाल से पूर्व यह ध्यान अवश्य रखें कि यह दूसरे देश की जलवायु के अनुरूप बनाया गया है। रसायन भी अधिक होते हैं इनमें, जो त्वचा पर बुरा असर भी डाल सकते हैं।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे देश में निर्मित अनेक हर्बल फूलों की खुशबुओं वाले, हिना, चंदन आदि सुगंध वाले परफ्यूम सभी के लिए समान होते हैं, जबकि रसायनयुक्त परफ्यूम महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग होते हैं, जिन पर लिखा होता है 'परफ्यूम फॉर हिम' व 'परफ्यूम फॉर हर' अर्थात परफ्यूम के माध्यम से सामने वाले को प्रभावित करने का प्रयास किया जाता है जबकि हमारे यहां व विदेशों से आयातित बहुत से परफ्यूम अपनी मौलिक खुशबू से पूरी फिजां को महका देने वाला माद्दा भी रखते हैं।

इसलिए महंगे होने के बावजूद भी इनके खरीददार बढ़ते जा रहे हैं। सुगंध की यह मदहोश दुनिया कमोबेश कई बीमारियों के लिए मुफीद है। किसी के देखा-देखी परफ्यूम खरीदे भी नहीं और इस्तेमाल न करें। परफ्यूम लगाने से पहले अपनी रुचि, माहौल की अनुकूलता, स्वास्थ्य के मापदंड, मन को भाने वाली सुगंधों के उत्तम पर्याय पर एक बार सोचें जरूर।

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