Friendship Day 2023 : फ्रेंडशिप डे पर दिलचस्प निबंध हिन्दी में
World Friendship Day : फ्रेंडशिप डे या अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस प्रतिवर्ष अगस्त माह के पहले रविवार को मनाया जाता है। यह दिन उन दोस्तों के लिए सबसे खास दिन है, जो सच्ची मित्रता के दायरे में आते हैं। वैसे सबसे पहले फ्रेंडशिप दिवस सन् 1958 को आयोजित किया गया था।
यहां पढ़ें फ्रेंडशिप डे पर हिन्दी में बेहतरीन निबंध-
प्रस्तावना : इस वर्ष 6 अगस्त 2023, दिन रविवार को फ्रेंडशिप डे यानी मित्रता दिवस मनाया जा रहा है, इसे प्रतिवर्ष अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। दरअसल, इस दिन को दोस्ती को समर्पित करने के पीछे एक कहानी है।
इसके अनुसार एक बार अमेरिका की सरकार ने एक व्यक्ति को मार दिया था। इस व्यक्ति का एक दोस्त था, जिसने अपने दोस्त की मृत्यु के गम में आत्महत्या कर ली। उनकी दोस्ती की गहराई को सम्मान देते हुए 1935 से अमेरिका में इस दिन को दोस्तों के नाम कर दिया गया और इस तरह फ्रेंडशिप डे मनाने की शुरुआत हुई।
कैसे हुई इस दिन की शुरुआत- हर साल मित्रता को समर्पित यह दिन अगस्त माह के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस दिवस का विचार पहली बार 20 जुलाई 1958 को डॉ. रामन आर्टिमियो ब्रैको के मन में आया था। 1935 में यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस ने अगस्त माह के पहले रविवार को नेशनल फ्रेंडशिप डे मनाने की घोषणा की। तब से भारत सहित विश्व के अनेक देशों में अगस्त माह के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाने का प्रचलन है। जिसे प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अगस्त माह के पहले रविवार को मनाया जाएगा।
मित्रता दिवस क्यों ?- ऐसा माना जाता है की पहली बार फ्रेंडशिप डे की शुरुआत साल 1935 में अमेरिका से हुई थी। सन् 1935 में अमेरिका में वहां की सरकार ने एक आदमी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उस आदमी के दोस्त ने भी आहात होकर आत्महत्या कर ली थी। तब से अमेरिका की सरकार ने उस दिन को मित्रता दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया।
इसके अलावा एक दूसरे किस्से के अनुसार वर्ष 1930 में जोएस हॉल नाम के एक बिजनेसमैन ने अपने दोस्त को तोहफे के रूप में कार्ड्स और फ्रेंडशिप गिफ्ट्स देकर इस दिन की शुरुआत की थी।
महत्व- फ्रेंडशिप, मित्रता या दोस्ती, पवित्र मन का मिलन होती है। अब फ्रेंडशिप डे को पूरी दुनिया में उत्साह के साथ मनाया जाने लगा है, क्योंकि ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसका कोई दोस्त न हो, जो दोस्ती की एहमियत न जानता हो।
हम सभी की जिंदगी में कम या ज्यादा लेकिन दोस्त जरूर होते हैं, दोस्तों के साथ बिताया समय किसे नहीं अच्छा लगता। खासकर बचपन की दोस्ती तो बहुत गहरी होती है, जिनकी यादें सदा के लिए मन में बस जाती है। दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसे व्यक्ति खुद की मर्जी से चुनता है।
बचपन में जाने-अनजाने ही कई दोस्त बन जाते हैं, जिनमें से कुछ स्कूल, कॉलेज तक ही साथ निभाते हैं तो कुछ आगे तक आपकी लाइफ में बने रहकर अच्छे-बुरे वक्त में दोस्ती निभाते है। हालांकि ऐसे दोस्त कम ही होते है जो पूरे उम्रभर सच्ची दोस्ती निभाएं। इसलिए दोस्त बनाते हुए आपको सतर्कता रखनी चाहिए और अच्छे-बुरे का विचार करके ही मित्र बनाने चाहिए, क्योंकि बदलते वक्त के साथ कोई भी कभी भी किसी को धोखा दे सकता है।
अच्छे और बुरे दोस्त- दोस्त वे होते हैं जिनकी संगत आपके भविष्य को प्रभावित करती है। बुरी आदतों वाले दोस्तों की संगत आपको और आपके भविष्य को बिगाड़ने की क्षमता रखती है, वहीं अच्छी सोच व आदतों वाले दोस्त आपके व्यक्तित्व व जिंदगी को संवारने में सहायक होते है।
वैसे तो इन दिनों दोस्तों को कई श्रेणी बांट दिया गया है जैसे समान हॉबी वाले दोस्त, व्यावसायिक दोस्त, वर्कप्लेस दोस्त, मतलबी दोस्त आदि...। लेकिन जो सच्चे दोस्त होते हैं उनकी खूबी समान ही होती हैं, जैसा कि वे जिदंगी की हर परिस्थिति में हमेशा आपका साथ देते है और वे आपकी भलाई चाहते हैं।
माना जाता है कि दोस्ती में उम्र, लिंग, स्थिति, जाति, धर्म की कोई सीमा नहीं है लेकिन कभी-कभी यह देखा जाता है कि आर्थिक असमानता या अन्य भेदभाव दोस्ती को नुकसान पहुंचाते हैं। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि एक-दूसरे के प्रति स्नेह की भावना रखने वाले दो तरह के दिमाग और एक समान स्थिति के बीच सच्ची और वास्तविक दोस्ती संभव है।
तो, यदि आपके जीवन में भी कोई ऐसा सच्चा दोस्त हो, तो फ्रेंडशिप डे के खास मौके पर अपने दोस्त को स्पेशल महसूस कराना न भूलें। वैसे इस दिन को दोस्तों के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। कई लोग दोस्तों के साथ सेलिब्रेट करने के विभिन्न प्लान इस दिन के लिए बनाते हैं।
पूरा दिन न सही लेकिन इस दिन जितना संभव हो अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ पल अपने दोस्तों के लिए जरूर निकालें। सच्ची दोस्ती मानव और जानवरों के बीच भी हो सकती है। अत: यदि ऐसा है तो कुछ समय उन्हें भी अवश्य दें।
उपसंहार- जहां कुछ बातें मित्रता के रिश्ते में दरार लाती है, तो माफी से बिगड़े रिश्ते भी बन जाते हैं। पति-पत्नी हो या प्रेमी-प्रेमिका दिल की गहराइयों से प्यार करते हैं तो 'माफी मांगना और माफ कर देना' दोनों के लिए एक मंत्र है जो आपकी दोस्ती को बरकरार रख सकता है। मित्रता किसी भी समय दूसरों से या स्वयं के द्वारा प्रभावित हो सकती है, इसलिए हमें इस रिश्ते में संतुलन बनाने की आवश्यकता होती है।
दुनिया में ऐसे कई दोस्त होते हैं, जो हमेशा समृद्धि के समय एकसाथ रहते हैं लेकिन, केवल सच्चे, ईमानदार और विश्वासयोग्य दोस्त, कभी भी हमारे बुरे समय, कठिनाई और परेशानी के समय हमें अकेले नहीं छोड़ते हैं। हमारे बुरे समय से हमें हमारे अच्छे और बुरे दोस्तों के बारे में पता चलता है। हर कोई स्वभाव से पैसे की ओर आकर्षित होता है, लेकिन सच्चे दोस्त कभी हमें बुरा महसूस नहीं होने देते। कभी-कभी अहंकार और आत्म-सम्मान की बातों के कारण दोस्ती टूट भी जाती है।
सच्चा दोस्त कभी शोषण नहीं करता, बल्कि एक-दूसरे को जीवन में सही काम और मदद करने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन कभी-कभी कुछ नकली और धोखाधड़ी वाले दोस्तों की वजह से दोस्ती का अर्थ पूरी तरह बदल जाता है जो हमेशा किसी अन्य तरीके से गलत तरीके का उपयोग करते हैं। कुछ लोगों को जितनी जल्दी हो सके दोस्ती करने की प्रवृत्ति होती है, लेकिन जैसे ही उनका मतलब पूरा हो जाता है, वे अपनी दोस्ती समाप्त भी कर देते हैं।
दोस्ती के बारे में कुछ बुरा कहना मुश्किल है, लेकिन यह सच है कि किसी लापरवाह व्यक्ति को दोस्ती में धोखा दिया जाता है। आजकल, बुरे और अच्छे लोगों की भीड़ में सच्चे दोस्त मिलना बहुत मुश्किल है, लेकिन अगर आपके पास सच्चे दोस्त हैं, तो आपके अलावा दुनिया में कोई भी भाग्यशाली नहीं है। सच्ची दोस्ती निभाने के लिए उचित समझ, संतोष, विश्वास की आवश्यकता है।