उत्तर : जरूर दे सकते हैं। देखिए, अपने देश में अध्यापक का रुतबा केवल उसकी कक्षा तक ही सीमित है। आज क्लास के बाहर सत्ता में बैठे नेता व अधिकारी अध्यापकों को बेजुबान निरीह प्राणी समझकर उन्हें पढ़ाई के स्थान पर कभी जनगणना, कभी मतदान व्यवस्था, कभी तरह- तरह के सर्वे तो कभी लोगों को खुले में शौच करने से रोकने व उनके फोटो खींचने जैसे कामों में जोतते रहते हैं। ऐसे नेताओं तथा अधिकारियों को फिर से कक्षा के अंदर विद्यार्थी बनाकर भेज दिया जाए तो ये अध्यापक उन्हें आज भी छठी का दूध याद दिलाते हुए बता सकते हैं कि रुतबा क्या होता है और एलीफेंट की सही स्पेलिंग क्या होती है।