दद्दू का दरबार : मास्टर साहब का रुतबा

- महेन्द्र सांघी ‘दद्दू’  


 

 
प्रश्न : दद्दूजी, प्रसिद्ध कवि एवं आप नेता कुमार विश्वास ने अपनी एक सभा में प्रश्न उठाया कि वर्दी वाला रुतबा अध्यापक की चाल में क्यों नजर नहीं आता। क्या आप उनके इस प्रश्न की उत्तर दे सकेंगे? 
 
उत्तर : जरूर दे सकते हैं। देखिए, अपने देश में अध्यापक का रुतबा केवल उसकी कक्षा तक ही  सीमित है। आज क्लास के बाहर सत्ता में बैठे नेता व अधिकारी अध्यापकों को बेजुबान निरीह  प्राणी समझकर उन्हें पढ़ाई के स्थान पर कभी जनगणना, कभी मतदान व्यवस्था, कभी तरह-  तरह के सर्वे तो कभी लोगों को खुले में शौच करने से रोकने व उनके फोटो खींचने जैसे कामों  में जोतते रहते हैं। ऐसे नेताओं तथा अधिकारियों को फिर से कक्षा के अंदर विद्यार्थी बनाकर  भेज दिया जाए तो ये अध्यापक उन्हें आज भी छठी का दूध याद दिलाते हुए बता सकते हैं कि  रुतबा क्या होता है और एलीफेंट की सही स्पेलिंग क्या होती है।     
 
 

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