क्यों जगमगाते हैं तारे ?

प्यारे बच्चों,
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आसमान में जगमगाते तारों को देखकर हमें ऐसा लगता है जैसे वे अनवरत नहीं चमक रहे हैं, पल-पल चमकना बंद करते रहते हैं। किंतु ऐसी कोई बात नहीं है।

तारे सदा निरंतर, एक समान चमकते रहते हैं। दरअसल तारों से छूटती रोशनी को हमारी आंखों तक पहुंचने से पहले वायुमंडल में विद्यमान अवरोधों का सामना करना पड़ता है।

अतः उनकी रोशनी रास्ते में विचलित होती रहती है, सीधी हम तक नहीं पहुंच पाती। क्योंकि वायुमंडल में हवा की कई चलायमान परतें होती हैं। यह परतें तारों की रोशनी के पथ को बदलती रहती हैं।

इसके फलस्वरूप उनकी रोशनी हमारी नजरों से कभी ओझल, कभी प्रकट होती रहती है। इसीलिए तारे टिमटिमाते दिखाई देते हैं।

इनका आनंद उस समय और भी बढ़ जाता है, जब अंधेरी रात के साफ आसमान में हजारों, लाखों, करोड़ों की संख्‍या में टिमटिमाते जगमगाते तारे एक ऐसी अद्‍भुत दुनिया का दृश्य प्रस्तुत करते हैं जिसके न आरंभ का पता चलता है और न अंत का।

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