इंस्टाग्राम पर रील देखते समय आपने कई बार सनस्क्रीन का ज़िक्र सुना होगा। आज के समय में हर डर्मटालोजिस्ट और स्किन केयर ब्लॉग में सनस्क्रीन को बहुत महत्व दिया जाता है। सनस्क्रीन हमारे स्किन के लिए बहुत ज़रूरी होती है। अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ टैनिंग से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाई जाती है तो आप गलत है। दरअसल सनस्क्रीन सिर्फ हमे टैनिंग या सनबर्न की समस्या से नहीं बचाती। सनस्क्रीन हमारे स्किन को कैंसर से भी बचाती है जो हमे धुप के कारण हो सकता है। सनस्क्रीन के इन्ही महत्व को ध्यान में रखते हुए हार साल 27 मई को नेशनल सनस्क्रीन डे (national sunscreen day) मनाया जाता है। क्या आपको पता है सनस्क्रीन की शुरुआत कैसे हुई थी? चलिए जानते हैं पूरी जानकारी...........
कैसे हुई सनस्क्रीन की शुरुआत?
दरअसल सनस्क्रीन की शुरुआत मिस्र में 3,100 ईशा पूर्व में हुई थी। मिस्र के लोग अपनी त्वचा को बचाने के लिए चाबल और चमेली का लेप लगाते थे। मॉडर्न हिस्ट्री की बात की जाए तो सनस्क्रीन की शुरुआत 1930 में हुई थी। सनस्क्रीन का आविष्कार एक स्विस फिजिक्स स्टूडेंट फ्रांज़ ग्रेटर ने किया था। फ्रांज़ ग्रेटर एक ट्रिप पर गए थे और ट्रिप पर वापिस आने के बाद उन्हें सनबर्न हो गया। सनबर्न के कारण उन्होंने अपनी स्किन को प्रोटेक्ट करने के लिए रिसर्च करना शुरू की। इस अविष्कार में बेंजामिन ग्रीन नमक एक व्यक्ति भी शामिल थे। इन दोनों की रिसर्च की मदद से मॉडर्न सनस्क्रीन का कॉन्सेप्ट पेश किया गया।
क्या है सनस्क्रीन?
सनस्क्रीन त्वचा के लिए एक प्रकार की दवाई है जो त्वचा को खतरनाक अल्ट्रा वायलेट किरणों से सुरक्षित रखती है। इसके साथ ही सनस्क्रीन सनबर्न, स्किन एजिंग और स्किन कैंसर से भी बचाती है। सही एसपीएफ के इस्तेमाल से आप अपनी स्किन को जलने से बचा सकते हैं।
क्या है SPF नंबर?
एसपीएफ(SPF) का पूरा नाम है सन प्रोटेक्शन फैक्टर(sun protection factor)। एसपीएफ के ज़रिये हमें पता चलता है कि कितना और कितनी देर तक सनस्क्रीन आपको सूरज की किरणों से सुरक्षित रखेंगी। अगर आप लम्बे समय के लिए घर से बहार रहते हैं तो आपको ज़्यादा एसपीएफ वाला सनस्क्रीन इस्तेमाल करना चाहिए जैसे कि 50 एसपीएफ। डर्मेटोलोजिस्ट के अनुसार हमें कम से कम 15 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए।
क्या होता है PA++?
जैसे एसपीएफ के नंबर हमें बताते है कि कितनी देर तक हमारी त्वचा धुप से सुरक्षित रहेगी उसी प्रकार से PA एसपीएफ की गुणवत्ता और युवीए (UVA) से सुरक्षा को बताता है। जितने ज़्यादा प्लस उतनी बेहतर सुरक्षा। यह लेबल जापान में एसपीएफ की रेटिंग दर्शाने के लिए विकसित किया गया था।
चलिए समझते है PA रेटिंग का मतलब
PA+ = कुछ युवीए सुरक्षा
PA+ = मध्यम युवीए सुरक्षा
PA+++ = उच्च युवीए सुरक्षा
PA++++ = अत्यधिक उच्च युवीए सुरक्षा
अपनी सनस्क्रीन को हमेशा अपनी त्वचा के अनुसार ख़रीदे और साथ ही हमेशा एसपीएफ और को चेक करें ।
सनस्क्रीन लगाने का सही तरीका क्या है?
घर से बहार निकलने से 30 मिनट पहले आप सनस्क्रीन का प्रयोग करें क्योंकि सनस्क्रीन को आपकी त्वचा में अब्सॉर्ब होने में समय लगता है।
लगभग 35 मिलीलीटर सनस्क्रीन आपको लगाना चाहिए दूसरे शब्दों में कहा जाए तो लगभग 2 या 3 उंगली की मात्रा में आपको सनस्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए।
हमेशा 15 SPF से अधिक लेवल वाली सनस्क्रीन का प्रयोग करें क्योंकि ज़्यादा SPF होने के कारण आपकी त्वचा को धुप से ज़्यादा प्रोटेक्शन मिलेगी। 50 SPF लगभग 98% UVB rays से बचाव करता है।
सनस्क्रीन को दुबारा लगाना भी ज़रूरी है जिसके कारण आप अपनी त्वचा को धुप की हानिकारक किरणों से बेहतर तरीके से बचाव कर सकते हैं।
अगर आप स्विमिंग या वर्कआउट करते हैं तो आपको सनस्क्रीन को दुबारा ज़रूर लगाना चाहिए।