मुंबई। शिवसेना ने दावा किया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने गुजरात चुनाव में हार से बचने के लिए जीएसटी की दरों में कटौती की है। इसने भाजपा को किसी भी मुद्दे से ‘राजनीतिक लाभ उठाने और प्रचार पाने में विशेषज्ञ’ करार दिया। उपभोक्ताओं और कारोबारियों को राहत प्रदान करने के क्रम में जीएसटी की दरों में अब तक के सबसे बड़े बदलाव के तहत 10 नवंबर को 200 से अधिक वस्तुओं पर कर दरों में कटौती कर दी गई। रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाली 178 वस्तुओं को शीर्ष कर दर 28 प्रतिशत के दायरे से बाहर कर 18 प्रतिशत कर की श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि सभी रेस्तराओं के लिए समान कर, पांच प्रतिशत निर्धारित किया गया।
शिवसेना ने कर कटौती के समय पर सवाल उठते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि उसने अब ‘झुकने’ का फैसला क्यों किया। पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि ये लोग किसी भी मुद्दे से राजनीतिक लाभ उठाने और प्रचार पाने में विशेषज्ञ हैं। इसने कहा कि यह सरकार अब क्यों झुक गई जिसने कहा था कि वह मुद्दे (जीएसटी) पर समझौता नहीं करेगी और विरोध को नजर अंदाज करेगी। इसका उत्तर इसमें है कि गुजरात चुनावों में उन्हें जबर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शिवसेना ने दावा किया कि भाजपा नेताओं को गांवों में नहीं घुसने दिया जा रहा है और उन्हें संवाददाता सम्मेलन नहीं करने दिए जा रहे हैं तथा उनके पोस्टरों को हटाया जा रहा है।
राजग घटक ने कहा कि विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री गुजरात चुनाव प्रचार में भाग लेने के लिए देश से संबंधित मुद्दों को छोड़ देंगे। इसने कहा कि काफी धन भी खर्च किया जाएगा। शिवसेना ने कहा कि जीएसटी से महंगाई बढ़ी है और आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है। जो लोग संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था की तारीफ कर रहे हैं, वे देश के दुश्मन हैं।’ संपादकीय में कहा गया कि जीएसटी ने गरीब लोगों और छोटे कारोबारियों की ‘कमर तोड़ दी है’ तथा इससे देश में गुस्सा बढ़ा है। गुजरात में छोटे कारोबारी सड़कों पर उतरे हैं और लाठियों से उनकी पिटाई की गई है।