गुजरात में इस बार भाजपा ने नए चेहरों पर दांव लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उनके डिप्टी रहे नितिन पटेल इस बार मैदान में नहीं हैं या फिर कहें कि उनका भी टिकट काट दिया गया। अभी तक जारी सूची के मुताबिक 38 सिटिंग विधायकों के टिकट काट दिए गए, जबकि 41 ऐसे लोगों को टिकट नहीं दिया गया, जो पिछली बार चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए।
ऐसे ही नए चेहरों को आगे लाने के लिए अहमदाबाद की नरोदा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक का टिकट काटा गया है। उनके स्थान पर युवा एवं शिक्षित महिला प्रत्याशी के रूप में सैजपुर बोघा वार्ड के एक भाजपा पार्षद की पुत्री डॉ. पायल कुकरानी को मैदान में उतारा गया है। 30 वर्षीय पायल कुकरानी पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मुझ पर भरोसा जताया है। एक डॉक्टर और एक नेता की भूमिका समान होती है। मुझे समाज की सेवा करने का जो अवसर मिला है, मैं उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगी।
भाजपा ने भौगोलिक स्थिति के हिसाब से भी उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं। दक्षिण गुजरात में धर्मांतरण की कई शिकायतें हैं। यहां से भाजपा ने स्वामीनारायण संप्रदाय के संत को टिकट दिया है। स्वामीनारायण के संत डीके स्वामी को भाजपा ने जंबूसर सीट से मैदान में उतारा है। अमोदना नाहियर गुरुकुल के संत और भरूच स्वामीनारायण गुडविल स्कूल के प्रशासक डीके स्वामी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं। महज 9 साल की उम्र में दीक्षा लेने वाले देवकिशोर साधु उर्फ डीके स्वामी कई सालों से भाजपा और संघ से जुड़े हुए हैं।
भाजपा ने नन्दोद (एसटी) सीट पर भाजपा पेशे से गायनिक डॉ. दर्शन देशमुख (वासवा) को टिकट दिया है। गुजरात के बाकी लोगों के लिए डॉ. दर्शन देशमुख भले ही जाना-पहचाना चेहरा न हों, लेकिन उनका नाम नर्मदा जिले में जाना जाता है। वे वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं। वह राजपीपला में दिव्य योगी अस्पताल चलाती हैं। डॉ. दर्शन देशमुख आदिम जाति महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वन विकास निगम की निदेशक सहित अन्य पदों पर रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने राज्यों के बीजेपी प्रभारी संगठन का काम भी किया है।
राजकोट की उपमहापौर डॉ. दर्शिता शाह को राजकोट पश्चिम सीट से टिकट दिया गया है। इस टिकट के लिए कई दावेदार पैरवी कर रहे थे, क्योंकि यह सीट सबसे भाग्यशाली सीट है। नरेंद्र मोदी इस सीट से पहली बार विधायक बने और फिर प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। गुजरात के मुख्यमंत्री रहे विजय रूपाणी ने भी पिछला चुनाव इसी सीट से लड़ा था। डॉ. दर्शिता शाह लगातार दो बार से राजकोट की डिप्टी मेयर हैं और एक प्रसिद्ध एमडी और वार्ड नं. 2 की पार्षद हैं। उनके पिता पीएम मोदी के खास दोस्त थे। दर्शिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी प्रांत संघचालक स्व. डॉ. पीवी दोशी (पप्पाजी) की पोती और डॉ. प्रफुल्लभाई दोशी की पुत्री हैं।
बीजेपी ने जामनगर उत्तर से क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा को टिकट दिया है। रीवा मैकेनिकल इंजीनियर हैं और शादी से पहले यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने शादी से पहले कभी क्रिकेट नहीं देखा, लेकिन शादी के बाद उन्हें क्रिकेट पसंद आने लगा। वह पिता हरदेव सिंह सोलंकी और मां प्रफुल्लबा की इकलौती संतान हैं। खेतों के अलावा उनके खंभा और राजसमधियाला में दो स्कूल हैं। सासन में फार्महाउस और नवलखी बंदरगाह पर वे-ब्रिज हैं।