अच्छी सेहत के लिए तरह-तरह के नुस्खे आजमाने में गलत कुछ भी नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि सेहत का राज हरी सब्जियों में छिपा है। इनका नियमित सेवन न केवल रक्तचाप, ब्लड शुगर जैसी समस्याओं का खतरा कम कर सकता है बल्कि कैंसर तथा नेत्रहीनता आदि से बचाव भी कर सकता है।
एम्स में आहार विशेषज्ञ अनुजा अग्रवाल ने बताया ‘हरी सब्जियों के सेवन की आदत बचपन से ही होनी चाहिए। इनमें रेशा, प्रोटीन, विटामिन, कई जरूरी अम्ल आदि भरपूर होते हैं जो कई बीमारियों से बचाव में मददगार होते हैं। गाजर, पालक, चौलाई, सरसों के साग में बीटा कैरोटिन तथा ल्यूटिन एवं जेएक्सैन्थिन कैरोटिनॉयड होते हैं। ये एंटी ऑक्सीडेंट हैं और कैंसर को शुरुआती अवस्था में ही रोक सकते हैं।’
‘न्यूट्री हेल्थ’ की संचालक आहार विशेषज्ञ शिखा शर्मा ने कहा ‘फोलेट यानी विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की भरपूर मात्रा वाली सब्जियों जैसे पालक आदि के सेवन से स्तन कैंसर, त्वचा तथा फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम होता है। ल्यूटिन की वजह से बढ़ती उम्र के साथ साथ मांसपेशियों के क्षरण (एज रिलेटेड मस्क्युलर डीजनरेशन- एएमडी) की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। एएमडी के कारण ही उम्र के साथ नेत्रहीनता बढ़ती है।'
FILE
आहार विशेषज्ञ कामिनी बाली ने कहा ‘फोलेट जन्म से होने वाली विकृतियों को रोकता है। यह डीएनए के डुप्लीकेशन और उसकी मरम्मत के लिए भी जरूरी है। अगर डीएनए की मरम्मत नहीं हुई और कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती रहीं तो कैंसर हो सकता है। फोलेट का भरपूर मात्रा में सेवन कोलोन यानी गुदा में पॉलिप का खतरा भी घटाता है। ये पॉलिप ही गुदा के कैंसर का कारण होते हैं। महिलाओं में फोलेट की कम मात्रा की वजह से स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।’
आहार विशेषज्ञ अनुजा ने कहा कि मटर जैसी कुछ सब्जियों में बहुत कम कैलोरी होती है। इसमें आयरन, कॉपर, जिंक और मैगनीज, घुलनशील और अघुलनशील फाइबर, विटामिन-सी यानी एस्कॉर्बिक एसिड आदि होते हैं जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसमें विटामिन के भी होता है। अल्झाइमर के मरीजों में तंत्रिका संबंधी क्षति विटामिन के से सीमित की जा सकती है।
आहार विशेषज्ञ शिखा शर्मा ने कहा कि शिमला मिर्च में सेहत के लिए उपयोगी कैरोटिनाएड, प्रोटीन, वसा, विटामिन ए, विटामिन सी, कैप्सीनॉयड ओलेरेजिन, प्रोविटामिन और स्टीरॉयडल एल्केलॉयडल ग्लाइकोसाइड्स होते हैं। आंखों की रोशनी और चिकनी त्वचा के लिए फायदेमंद समझी जाने वाली शिमला मिर्च से घाव भरने और रक्तचाप कम करने में भी मदद मिलती है। यह चयापचय को तेज कर कैलोरी घटाती है इसलिए वजन घटाने के इच्छुक लोगों के लिए यह लाभकारी है।
उन्होंने कहा कि जिस कद्दू को देख कर कई लोग नाक मुंह सिकोड़ते हैं उसमें कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, रेशे, फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम, नायसिन, पोटैशियम, प्रोटीन, सेलेनियम, विटामिन ए, सी, ई, जिंक जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं। कैरोटिनॉयड और जिंक की अधिक मात्रा की वजह से कद्दू शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखता है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिनॉयड धमनियों में कोलेस्ट्राल एकत्र नहीं होने देता जिससे आघात का खतरा भी कम होता है।
अनुजा के अनुसार, खाने में तीखी लगने वाली हरी मिर्च में रेशा और विटामिन ए तथा सी भरपूर होता है। पामीटिक अम्ल, स्टीयरिक अम्ल, एस्कॉर्बिक अम्ल आदि से प्रचुर धमनियों की सूजन, कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर, अतिसार, मुंह में छाले, एनीमिया, पाचन, अनियमित मासिक धर्म, आंखों में संक्रमण, त्वचा और ब्लड शुगर की समस्या से बचाव में उपयोगी है। (भाषा)