वैसे तो पूरे सावन माह में ही प्रकृति की हरियाली छटा बिखरी रहती है। इस मौसम में बारिश की रिमझिम फुहारों से मौसम खुशनुमा हो जाता है और ऐसे ही समय में मनाया जाता है हरियाली तीज का त्योहार। महिलाएं व्रत व पूजा करती हैं। हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद 16 श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है। विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इस खास त्योहार पर हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरा श्रृंगार, मेहंदी, झूला झूलने का भी रिवाज है।