क्या है JN.1 वेरिएंट, क्‍या बूस्टर डोज़ ज़रूरी है? जानिए सबकुछ, क्‍या कहते हैं डॉक्टर्स

ईशु शर्मा
JN.1 Variant : देश में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इस वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के नाम से भी क्लासिफाइड किया गया है। भारत में भी इस वेरिएंट के 21 मामले सामने आ चुके हैं। आपको बता दें कि केरल और महाराष्ट्र समेत 2 राज्यों में JN.1 के कई केस मिल चुके हैं। 
 
देश में कोरोना वायरस के कारण स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है। इस नए वेरिएंट को लेकर कई गलत और भ्रामक जानकारियां भी फैलाई जा रही हैं। कई लोगों का सवाल है कि क्या इस वेरिएंट के लिए बूस्टर डोज़ लगाना ज़रूरी है? साथ ही कई लोग इस वेरिएंट को बहुत भयानक और गंभीर भी बताया जा रहा है। इन सभी सवालों के सही उत्तर होना बहुत ज़रूरी है तो चलिए जानते हैं इंदौर के श्री अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और कंसल्टिंग फिजिशियन डॉ प्रकाश जोशी से JN.1 वेरिएंट से जुड़ी सभी जानकारी के बारे में....
 
कितना खतरनाक है JN.1 वेरिएंट?
डॉ प्रकाश जोशी ने वेबदुनिया को बताया कि JN.1 कोरोना के ओमनी वायरस का ही एक सब वेरिएंट है। यह कम खतरनाक लेकिन तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है। WHO के अनुसार भी यह वायरस तेजी से फैल तो रहा है लेकिन इससे मौत की संख्या काफी कम है। अभी तक 18 देशों में यह वेरिएंट पाया गया है, लेकिन इससे मरने की खबर सामने नहीं आई है। इसलिए इस वेरिएंट से घबराने की ज़रूरत नहीं है। 
क्या JN.1 के लिए बूस्टर डोज़ की आवश्‍यकता है?
डॉ प्रकाश जोशी ने बताया 'इस वेरिएंट के लिए फिलहाल तो बूस्टर डोज़ की आवश्‍यकता नहीं है। साथ ही WHO ने भी बूस्टर डोज़ लगाने की सलाह नहीं दी है। बल्कि WHO के अनुसार जिन लोगों का पहले से ही टीकाकरण हो चुका है उन्हें बूस्टर डोज़ की जरूरत नहीं है। मौजूदा वैक्सीन ही इस वेरिएंट से लड़ने में सक्षम है। 
 
सर्दियों में कोरोना वायरस का खतरा कितना बढ़ जाता है?
डॉ जोशी के अनुसार सर्दियों में न सिर्फ कोरोना वायरस बल्कि नॉर्मल फ्लू का खतरा भी बढ़ जाता है। सर्दियों के मौसम में इम्युनिटी प्रभावित होने लगती है जिसके कारण फ्लू और वायरल इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। सर्दियों के मौसम में कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनें और बार-बार हाथ धोने की आदतें डालें।
 
अगर आप सर्दियों में बहार घुमने जा रहे हैं तो सोशल डिस्टेंस मेन्टेन करना ज़रूरी है। साथ ही ट्रेवल करते समय मास्क का विशेष रूप से ध्यान रखें। मास्क की मदद से न सिर्फ कोरोना बल्कि फ्लू को भी फैलने से रोका जा सकता है। 

कब तक कोरोना म्यूटेंट होता रहेगा और इसके नए सामने आएंगे?
डॉ जोशी के अनुसार कोरोना वायरस एक RNA वायरस है जो बहुत ज्यादा म्यूटेंट होते रहते हैं। हालांकि इसके अभी तक के म्यूटेंट में ज्यादा खतरा देखने को नहीं मिला है, लेकिन इनका म्यूटेशन लगातार चलता रहेगा। साथ ही यह अब महामारी की बजाय एक तय एरिया में ही फैलेगा। इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम होता जाएगा और यह सीजनल बन जाएगा।
 
हालांकि नियमित रूप से हाइजीन मेन्टेन करना ज़रूरी है। सफाई से रहे जिससे कोरोना और अन्य वायरल का खतरा कम रहेगा। सीजनल बिमारियों के साथ मास्क पहनना भी ज़रूरी है। 
ALSO READ: इन देशों में है हृदय रोगों से मौत का सबसे ज्यादा खतरा, सर्वे में निकला निष्कर्ष

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख