Lassa Fever : लासा बुखार का खतरा किसे है ज्यादा, बचने के लिए क्या करें

ओमिक्रॉन के बीच लासा वायरस का खतरा चिंता का विषय बन गया है। पश्चिम अफ्रीकी देशों में जन्मा यह वायरस 1969 में इसका पहला मामले सामने आया था। और फिलहाल में ब्रिटेन में 4 लोगों की इस वायरस से मौत हो चुकी हैं। यह बीमारी चूहे के मूत्र के संपर्क में आने से फैलती है। अफ्रीका में यह रोग मुख्य रूप से देखा जाता है। यह बुखार फ्लू जैसी बीमारी की तरह ही शुरू होता है हालांकि 80 फीसदी तक किसी प्रकार की जटिलता नहीं देखी जाती है। कुछ लोगों को ही यह रोग गंभीर रूप से हो रहा है।

किन्हें है अधिक खतरा -

दरअसल, कमजोर इम्‍युनिटी होने पर संक्रमण की चपेट में जल्दी आते हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए यह अधिक घातक है। खासकर तीसरे ट्राइमेस्टर में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।

यूके में सामने आए मामले -

यूनाइटेड किंगडम में लासा बुखार के कुछ मामले सामने आ रहे हैं। अधिकतर मामलों में चूहे के दूषित वस्तुओं से संपर्क में आने से हो रहा है। हालांकि इस बारे में यह तय नहीं है कि यह बीमारी मानव से मानव में भी फैल रही है। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है।

कैसे बचें लासा बुखार से - इस बीमारी से बचाव के लिए हाथ धोकर ही भोजन ग्रहण करें या फिर कीटाणुशोधन की सामान्य सावधानियां जरूर बरतें। कोशिश करें घर में चूहे हो रहे हो तो उन्‍हें बाहर करने की कोशिश करें। ऐसी जगह सामान नहीं रखें जहां चूहों की पहुंच सरल हो।

लासा बुखार और कोविड का संबंध

लासा बुखार और कोविड का कोई रिलेशन नहीं है।  लेकिन इससे इम्‍युनिटी जरूर कमजोर हो जाती है जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। फिलहाल भारत में लासा बुखार के होने का खतरा कम है लेकिन अफ्रीका और भारत के बीज अधिक यात्रा होने से इस संक्रमण की भारत में एंट्री तेजी से और बहुत जल्‍दी हो सकती है।

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