1. रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है : पानी शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे दिल को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति अच्छी तरह से हो पाती है।
2. रक्तचाप नियंत्रित करता है : पानी शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
3. शरीर को हाइड्रेट रखता है : पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है, जिससे दिल को बेहतर ढंग से काम करने में मदद मिलती है।
4. गुर्दे को स्वस्थ रखता है : पानी गुर्दे को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जो दिल के मरीजों के लिए जरूरी है क्योंकि गुर्दे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं।
कितना पानी पीना चाहिए?
दिल के मरीजों को प्रतिदिन कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए। अगर आप बहुत पसीना निकालते हैं, व्यायाम करते हैं, या गर्मी में रहते हैं, तो आपको और भी ज्यादा पानी पीने की जरूरत हो सकती है।
क्या ज्यादा पानी पीने से नुकसान हो सकता है?
बहुत ज्यादा पानी पीने से भी नुकसान हो सकता है, लेकिन यह बहुत कम होता है। अगर आप बहुत ज्यादा पानी पीते हैं, तो आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे सिरदर्द, उल्टी, और कमजोरी हो सकती है।
कब पानी पीने से बचना चाहिए?
दिल की सर्जरी के बाद : दिल की सर्जरी के बाद, डॉक्टर आपको पानी पीने से रोक सकते हैं, क्योंकि इससे शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ सकता है।
दिल की विफलता : अगर आपको दिल की विफलता है, तो आपको डॉक्टर की सलाह के अनुसार पानी पीना चाहिए।
दिल के मरीजों के लिए पानी पीना बेहद जरूरी है। पानी पीने से उनकी बीमारी बढ़ने की बजाय, उन्हें फायदा ही होता है। अगर आपको पानी पीने को लेकर कोई संदेह है, तो डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है।
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