- यदि एचएलए यानी जीन बिल जाए तो बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराना।
इस रोग के बारे में अहम तथ्य- देशभर में थैलेसीमिया, सिकल सेल, हिमोफेलिया, सिकलथेल, आदि से पीड़ित अधिकांश गरीब बच्चे 8-10 वर्ष से ज्यादा नहीं जी पाते। बता दें कि थैलेसीमिया एक प्रकार का रक्त रोग है। यह 2 प्रकार का होता है। यदि पैदा होने वाले बच्चे के माता-पिता दोनों के जींस में माइनर थैलेसीमिया होता है, तो बच्चे में मेजर थैलेसीमिया हो सकता है, जो काफी घातक हो सकता है। यदि पालकों में से एक ही में माइनर थैलेसीमिया हो तो किसी बच्चे को खतरा नहीं होता। अतः जरूरी यह है कि शादी-विवाह से पहले ही महिला-पुरुष दोनों अपनी जांच करा लें, तो ठीक रहता है, क्योंकि यह एक ऐसा ब्लड डिसऑर्डर जो जन्म से मिलता है, और इससे बच्चे की जान को खतरा बना रहता है।